राज्यसभा में शुक्रवार को UAPA बिल पर चर्चा के दौरान तीखी बहस हुई. विपक्ष की ओर से बिल के संशोधनों पर कई तरह के सवाल खड़े किए गए, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने उनके तर्कों का जवाब भी दिया. इस दौरान कांग्रेस के सवाल पर जवाब देते वक्त अमित शाह ने कहा कि अगर वह विपक्ष की बात मानेंगे तो हाफिज़ सईद और दाऊद इब्राहिम जैसों को भी आतंकी घोषित नहीं कर पाएंगे.
दरअसल, जब अमित शाह का जवाब सदन में खत्म हुआ तो कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कुछ काउंटर सवाल किए. चिदंबरम ने कहा कि मैं कांग्रेस की स्थिति को स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम बिल के विरोध में नहीं हैं, सिर्फ कुछ सवालों के जवाब चाहते हैं.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का सवाल: हम क्लॉज 5,6 के बारे में सफाई चाहते हैं. सरकार इस बात को स्पष्ट करे कि अगर आप एक व्यक्ति को आतंकी घोषित करते हैं, तो वो कौन-सा स्टेज होगा, जब आप कहेंगे कि वो आतंकी है? क्या वो बिना पूछताछ के ही आतंकी घोषित कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री अमित शाह का जवाब: कुछ आतंकी अक्सर विदेश भाग जाते हैं, ऐसे में उनसे पूछताछ करके आतंकी घोषित करना मुश्किल होगा. अगर ऐसा हुआ तो हम हाफिज़ सईद और दाऊद इब्राहिम को भी आतंकी घोषित नहीं कर पाएंगे, ऐसा UN कर लेगा लेकिन हम नहीं कर पाएंगे. इसलिए ऐसा करना पड़ रहा है.
साथ ही, अमित शाह ने कहा कि आम तौर पर जब तक व्यक्ति पूछताछ के लिए उपलब्ध है तो सबूत-पूछताछ के बाद ही उसे आतंकी घोषित किया जाएगा. लेकिन अगर वो उपलब्ध ही नहीं है और वो पूछताछ में मदद ही नहीं करना चाहता है, तो फिर उसे आतंकी घोषित करना ही होगा.
पी. चिदंबरम के अलावा कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने भी अमित शाह से सवाल किया. आनंद शर्मा ने पूछा कि सरकार बताए कि क्या ऐसे मामलों में अभियोजन पक्ष को जांच से अलग रखा जाएगा?
इस पर अमित शाह ने जवाब दिया कि बिल के अंदर हमने NIA के अंदर अपील का प्रोविजन स्पष्ट किया है. ऐसी स्थिति में IO, IG की राय ली जाएगी, उसके बाद लॉ ऑफिसर की राय भी ली जाएगी और इनके बाद भारत सरकार के लॉ ऑफिसर इसपर अपनी राय रखेंगे. अमित शाह ने कहा कि इसमें सरकार का कोई रोल नहीं रहेगा.