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NRC: विपक्ष पर अमित शाह का वार- 40 लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों को क्यों बचा रहे?

इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज हो रही है. विपक्ष ने सरकार को घेरा है तो वहीं बीजेपी भी आक्रामक रूप से इस मुद्दे को भुनाने में लगी है.

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BJP अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
BJP अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)

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असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा ड्राफ्ट सोमवार को जारी किया गया. इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है. मंगलवार को इस मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा हुई और जमकर हंगामा हुआ. चर्चा के दौरान जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह इस मुद्दे पर बोले वैसे ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. शाह ने आरोप लगाया कि ये पहले ही लागू होना चाहिए था, लेकिन आपमें ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी.

आपको बता दें कि अमित शाह विपक्ष के हंगामे के कारण अपना पूरा बयान नहीं दे पाए. बताया जा रहा है कि वह इसी मुद्दे पर शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.

राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि सारे विपक्ष के नेताओं को मैंने ध्यान से सुना, मैं पूरी बात सुन रहा था कि किसी ने ये नहीं बताया कि NRC क्यों आया. उन्होंने कहा कि असम में इसको लेकर बड़ा आंदोलन हुआ, कई लोगों ने अपनी जान गंवाई. जिसके बाद 14 अगस्त, 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौता किया.

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शाह ने कहा कि इस समझौते का मूल ही NRC था. इसमें कहा गया है कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर NRC बनाया जाएगा, ये आपके ही प्रधानमंत्री लाए थे, लेकिन आपमें इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी, हमारे में हिम्मत है और हम कर रहे हैं.

BJP अध्यक्ष बोले कि ये सारे लोग 40 लाख चिल्ला रहे हैं, मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर ये लोग किसे बचाना चाहते हैं. क्या आप बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं.

BJP नेता दे रहे आक्रामक बयान

NRC मामले पर तेज राजनीति के बीच हैदराबाद से BJP विधायक राजा सिंह का एक भड़काऊ बयान सामने आया है. राजा सिंह ने कहा है कि जो अवैध बांग्लादेशी अपने देश वापस नहीं लौट रहे हैं, उन्हें गोली मार देनी चाहिए. आपको बता दें कि राजा सिंह हैदराबाद की गोशमहल विधानसभा से विधायक हैं.

राजा सिंह से पहले ही पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष कह चुके हैं कि अगर उनकी सरकार आती है तो असम की तरह ही बंगाल में भी NRC को लागू करेंगे.

बता दें कि असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सोमवार को जारी कर दिया गया. असम देश में एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी जारी किया गया है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य के कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं. जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं. 

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