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NRC: सदन में रोका तो बाहर विपक्ष पर बरसे अमित शाह, पढ़ें- 10 बड़ी बातें

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस बीजेपी पर एनआरसी में सही प्रक्रिया न अपनाने का आरोप लगा रही है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि मोदी सरकार बंगालियों को भगाना चाह रही है.

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह

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असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर चल रही सियासी बयानबाजी के बीच अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मोर्चा संभाला है. शाह ने आज राज्यसभा में इस मसले पर अपनी बात रखना चाही, लेकिन उनके बोलते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया, जिसके चलते वह अपना भाषण नहीं दे सके. इसके बाद अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस की जमकर आलोचना की.

अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें:-

1. पिछले दो दिनों से देश में एनआरसी के ऊपर बहस चल रही है और यह कहा जा रहा है कि 40 लाख भारतीयों नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया है जबकि वास्तविकता है कि प्राथमिक जांच होने के बाद जो भारतीय नहीं हैं उनके नाम एनआरसी (NRC) से हटाए गए हैं.

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2. 40 लाख का आंकड़ा कोई अंतिम आंकड़ा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण में पूरी जांच की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.

4. असम एकॉर्ड जो राजीव गांधी जी की अध्यक्षता वाली सरकार के समय में हुआ था, NRC उसकी आत्मा है जिसमें व्याख्या की गई है कि एक-एक अवैध घुसपैठिये को चुनकर देश की मतदाता सूची से बाहर किया जाएगा.

5. 1971 में इंदिरा गांधी ने कहा था इस देश में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है. राहुल गांधी को देश की सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए.

6. गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा था कि किसी भी घुसपैठिए को घुसने नहीं दिया जाएगा. लेकिन अब कांग्रेस सवाल उठा रही है. कांग्रेस को देशहित से ऊपर वोट बैंक को नहीं रखना चाहिए.

7. शरणार्थी और घुसपैठिए में भी भ्रांति फैलाने की कोशिश की जा रही है. ममता बनर्जी गृह युद्ध का डर दिखा रही हैं. उन्हें ये स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर वह क्या कहना चाह रही हैं. ममता जी चुनाव जीतने के लिए ये कर रही हैं.

8. एनआरसी के अंतर्गत देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले लोगों को असम में रहने से नहीं रोका जाएगा. राज्यों के बीच लड़ाई कराने की विपक्ष कोशिश कर रहा है जो गलत है.

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9. बीजेपी विपक्ष में रहकर घुसपैठियों के खिलाफ थी और अब भी पार्टी का यही रुख है. बीजेपी देश की सीमा सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और अपने असली नागिरकों के मानवाधिकारों के साथ वह कोई समझौता नहीं कर सकती.

10. मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बीजू जनता दल (बीजेडी) के अलवा किसी भी पार्टी ने यह कहना उचित नहीं समझा है कि हमारे देश में घुसपैठियों का कोई स्थान नहीं है.

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