लोकसभा में सोमवार को NIA को ज्यादा ताकत देने वाला संशोधन बिल पेश हुआ. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने वाली किसी एजेंसी को और ताकत देने की बात हो और इस पर सदन एक मत न हो, इससे आतंकवाद फैलाने वालों का मनोबल बढ़ता है. मैं सभी दलों के लोगों से कहना चाहता हूं कि ये कानून देश में आतंकवाद से निपटने में सुरक्षा एजेंसी को और ताकत देगा.
अमित शाह ने कहा पोटा को भंग करना उचित नहीं था, ये पूर्व के सुरक्षा बलों के अधिकारियों का भी मानना है. इससे आतंकवाद इतना बढ़ा कि स्थिति काबू में नहीं रही और एनआईए को लाने का फैसला किया गया.
2004 में UPA सरकार ने देश को आतंकवाद से बचाने वाले, देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले और आतंकवादियों के मन में भय पैदा करने वाले POTA कानून को किसी दुरुपयोग की वजह से नहीं बल्कि वोटबैंक बचाने के लिए निरस्त किया था। pic.twitter.com/lWX5aya8px
— Amit Shah (@AmitShah) July 15, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा हमें उन विधवाओं और उन परिवारों की भी चिंता है जो आतंकवाद के कारण प्रभावित होते हैं. शाह ने बताया कि एनआईए विशेष कोर्ट को डेजिग्नेट करने से उस कोर्ट के जज के ट्रांसफर आदि के कारण कोर्ट खाली नहीं रहेगी और समय पर केस का निपटारा हो पायेगा. जिस तरह अभी प्रक्रिया चल रही है एनआईए अदालत के जजों की नियुक्ति, संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही करते रहेंगे. आतंकवाद के विषय पर केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी. दोनों में तालमेल बना रहेगा.
मोदी सरकार राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (संशोधन) विधेयक 2019 का कभी दुरुपयोग नहीं होने देगी।
इस कानून का शुद्ध रूप से उपयोग देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए ही किया जाएगा।
और आतंकवाद को खत्म करते वक़्त हम यह भी नहीं देखेंगे कि यह किस धर्म के व्यक्ति ने किया है। pic.twitter.com/upghrckyuj
— Amit Shah (@AmitShah) July 15, 2019
एनआईए ने 272 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की. इनमें 52 मामलों में फैसले आये और 46 में दोष सिद्ध हुए. 99 मामलों में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है. गृह मंत्री ने सदन को बताया कि एनआईए का रिकॉर्ड 90 परसेंट सफलता का है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्ट है.
अमित शाह ने कहा कि समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में कुछ लोगों को पकड़ा गया था. भारत के अलावा अमेरिकी एजेंसियों ने भी कहा कि जिन लोगों ने समझौता ब्लास्ट किया उन्हें पकड़ा गया, लेकिन पकड़े गए लोगों को छोड़ा गया उसके बाद दूसरे लोगों को पकड़ा गया. यह पूछा जाना चाहिए था कि जिन्होंने ब्लास्ट किया था उनको क्यों छोड़ा गया और किसके कहने पर छोड़ा गया.
अमित शाह ने कहा कि जब आप किसी के खिलाफ उंगली करते हैं तो एक उंगली उसके खिलाफ होती है लेकिन अपनी तरफ चार उगलियां इशारा करती हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा आतंकवाद ना तो लेफ्ट होता है ना राइट होता है, आतंकवाद केवल आतंकवाद होता है. इसके खिलाफ लड़ने की सरकार, संसद, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है. अगर एनआईए बिल पर संसद बंट गई तो आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा.
अमित शाह ने सदन में मांग की कि एनआईए संशोधन बिल पर डिवीजन होना चाहिए ताकि देश को यह मालूम हो कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन आतंकवाद के खिलाफ.
संसद में बोलते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि राज्य की एजेंसिया एनआईए के साथ मिलकर काम करेंगी लेकिन राज्य सरकार के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी.
उनका कहना था कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिये राज्य तथा केंद्र के बीच सामंजस्य होना चाहिए. रेड्डी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म और जाति नहीं होती, यह मानवता के खिलाफ है. सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करेगी.