भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह अपनी चुनावी रणनीति और आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं. शाह के पार्टी प्रमुख बनने के बाद से बीजेपी लगातार आगे बढ़ रही है और हर चुनाव के तुरंत बाद वह आगे की रणनीति में जुट जाते हैं.
अमित शाह ने अब खुद और पार्टी के लिए अपना अगला लक्ष्य तय कर रखा है कि 2019 में होने वाले आम चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 50 फीसदी तक पहुंचाना है. अगर पार्टी अपने अध्यक्ष शाह के लक्ष्य को हासिल कर लेती है तो यह अपने आप में बड़ी बात होगी क्योंकि 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पार्टी की जीत की तुलना में 19 फीसदी वोटों की बढ़ोतरी होगी.
लेकिन हाल में हुए 3 उपचुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए इसे इतना आसान भी नहीं माना जा सकता. आज तक के शो 'सीधी बात' में श्वेता सिंह के साथ खास इंटरव्यू में शाह ने उत्तर प्रदेश के 2 बेहद अहम संसदीय क्षेत्रों गोरखपुर और फूलपुर से उनकी पार्टी की सनसनीखेज हार को खास तवज्जो नहीं दिया.
उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में 2 सीटों पर सपा और बसपा के गठबंधन ने बीजेपी को हराने में अहम भूमिका निभाई है. इस गठबंधन पर शाह का कहना है उपचुनाव की तुलना में इसे आम चुनाव में देखा जाएगा, जहां पर बड़े नेता और मुद्दे शामिल होते हैं.
उन्होंने कहा कि हमने हार के कारणों को जानने के लिए एक समिति का गठन किया है और हार के कारणों पर चर्चा करेंगे.
कर्नाटक में जीतेंगे
अगले लोकसभा चुनाव में चंद महीने ही रह गए हैं, लेकिन इससे पहले कई अहम विधानसभा चुनाव इस साल होने हैं जिसकी शुरुआत कर्नाटक से होगी. बीजेपी के लिए कर्नाटक बेहद अहम है क्योंकि यही वह दक्षिणी राज्य है जहां पार्टी सत्ता में रह चुकी है.
कर्नाटक में बीजेपी की संभावनाओं पर उन्होंने कहा, 'हम कर्नाटक में जरूर जीतेंगे. सिद्धारमैया (कर्नाटक के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता) राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं, मुझे लगता है कि उनके काम को लेकर राज्य में सत्ताविरोधी लहर बनी हुई है.'
साथ ही शाह ने यह भी कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर खासा उत्साह है.