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मेजर गोगोई को सम्मानित कर भारतीय सेना ने किया मानवाधिकारों का अपमान: एमनेस्टी

एमनेस्टी इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर जांच का सामना कर रहे अधिकारी को पुरस्कृत करने का मतलब है कि सेना निर्दयी, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार के उस कृत्य को सही ठहराना चाहती है, जो उत्पीड़न के समान है.

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मेजर गोगोई और जीप पर बंधा कश्मीरी युवक
मेजर गोगोई और जीप पर बंधा कश्मीरी युवक

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एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मेजर गोगोई का सम्मान मानवाधिकारों का अपमान बताया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ मनाव ढाल के तौर पर एक व्यक्ति को जीप के आगे बांधने वाले मेजर लितुल गोगोई को सम्मानित करने का भारतीय सेना का फैसला मानधिकारों का अपमान दर्शाता है.

उत्पीड़न को सही ठहरा रही सेना
एमनेस्टी इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर जांच का सामना कर रहे अधिकारी को पुरस्कृत करने का मतलब है कि सेना निर्दयी, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार के उस कृत्य को सही ठहराना चाहती है, जो उत्पीड़न के समान है.

अभी पूरी नहीं हुई कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी
सेना का कहना है कि अधिकारी को आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में उनके सतत प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है, जबकि नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान हुई घटना के मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी अभी पूरी नहीं हुई है.

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कश्मीरियों के मानवाधिकारों को किया नजरअंदाज
पटेल ने एक बयान में कहा, 'यह फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों और सुरक्षा बलों को चिंतित करने वाला संदेश देता है कि कश्मीरियों के मानवाधिकारों को दंड के भय के बिना लापरवाही से नजरअंदाज किया जा सकता है. फारूक डार के अधिकारों का अपमान उन प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है, जो भारत ने हाल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में की थीं.

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