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किसी का हाथ नहीं तो किसी का सिर नहीं, लाशों को देखने की हिम्मत नहीं: चश्मदीद

अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हो गया है. हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.

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अमृतसर रेल हादसा
अमृतसर रेल हादसा

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पंजाब के अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हुआ है.जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन दुर्घटना का शिकार हो गई. बताया जा रहा है कि यह हादसा चौड़ा बाजार के समीप हुआ है. यह हादसा उस समय हुआ, जब रेल ट्रैक पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था जिसे देखने के लिए ट्रैक पर लोग खड़े थे.

इस हादसे में 60 से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है. चश्मदीदों के मुताबिक ये बहुत दर्दनाक हादसा है. इसमें मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. हादसे का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि लोग कह रहे हैं कि वे ऐसा मंजर अमृतसर में आज तक नहीं देखे थे. चश्मदीदों के मुताबिक शवों की स्थिति बहुत खराब है. किसी का हाथ गायब है तो किसी का सिर. उनके मुताबिक लाशों को देखने की हिम्मत तक नहीं है.

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एक चश्मदीद ने इस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उसने कहा कि क्या लोगों को ट्रेन को लेकर बताया नहीं जा सकता था.  उनके मुताबिक ऐसा मंजर उन्होंने फिल्मों में 1947 को लेकर देखा था और सुना था. 1947 के बाद अमृतसर में ऐसा मंजर पहली बार देखा गया जब यहां पर सिर्फ और सिर्फ शव पड़े हैं. जो भी इसके लिए जिम्मेदार है उसपर कार्रवाई हो.

वहीं एक और चश्मदीद के मुताबिक कांग्रेस सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू मौके पर थीं और जैसे ही हादसा हुआ वह मौके से भागकर सुरक्षित जगह पर पहुंच गईं.

एक और चश्मदीद के मुताबिक ट्रेन तेज गति से आ रही थी और जब दशहरा मनाया जा रहा था तभी कई लोगों के ऊपर ट्रेन चढ़ गई. ये हादसा चौड़ा बाजार के पास हुआ है. रावण दहन के दौरान ही ट्रेन कई लोगों के ऊपर चढ़ गई. चश्मदीदों के मुतबाकि यह बेहद दर्दनाक हादसा है. इसमें कई लोगों की मौत हो सकती है.

एक चश्मदीद के मुताबिक प्रशासन और दशहरा कमेटी इसके लिए जिम्मेदार हैं. ट्रेन के आने के पहले अलार्म बजाना चाहिए था. पुलिस के मुताबिक इसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है.

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