अमृतसर में हुए दर्दनाक हादसे का जिम्मदार कौन है और किसकी लापरवाही ने 60 लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया, इसे लेकर अभी बहस चल रही है. हालांकि, पंजाब सरकार ने इसकी जांच के आदेश भी दे दिए हैं, लेकिन पहली नजर में आयोजकों पर सवाल उठ रहे हैं.
इस बीच चश्मदीदों के बयान भी सामने आ रहे हैं, जिनसे कई खुलासे हो रहे हैं. आजतक को एक चश्मदीद ने बताया कि रावण दहन कार्यक्रम में शिरकत करने स्थानीय नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पहुंची थीं.
चश्मदीदों का दावा है कि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे व्यक्ति ने मंच से कहा, 'मैडम जी, देखिए आपके स्वागत के लिए कितने लोग यहां आए हैं. मैडम जी इस बार रावण में 5 हजार बम लगे हैं और आपके स्वागत के लिए 5 हजार लोग वहां खड़े हैं.'
दरअसल, इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के तौर पर नवजोत कौर पहुंची थीं. लोग भी यहां बड़ी संख्या में पहुंचे थे. इसी दौरान पुतला दहन के नजदीक गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. जिस वक्त पुतले में आग लगाई गई, उसी दौरान वहां से तेज रफ्तार के साथ जालंधर एक्सप्रेस गुजरी और लोगों को कुचलते हुए निकल गई.
रेलवे ने दी क्लीन चिट
फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार ने साफ-साफ कहा है कि लोको पॉयलट को ऐसी स्थिति में जो कदम उठाने चाहिए थे वो उन्होंने उठाए. डीआरएम ने कहा कि जहां दुर्घटना हुई है वहां मोड़ है, लेकिन ट्रेन के इंजन से लाइट सीधी जा रही थी. जैसे ही ड्राइवर को लोग दिखाई दिए उन्होंने स्पीड कम कर दी.
नवजोत कौर ने दी सफाई
नवजोत कौर ने अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों पर सफाई दी है. नवजोत कौर ने बताया कि वहां से निकलने के 15 मिनट बाद हादसे के बारे में पता चला और वह घटनास्थल पर लौटने के लिए तैयार थीं. लेकिन कमिश्नर ने बताया कि वहां पथराव हो रहा है और इसी वजह से वो अस्पताल आकर घायलों का हाल-चाल लेने लगीं.
नवजोत कौर ने बताया कि ट्रेन ने न तो हॉर्न दिया और न ही ट्रेन को धीमा किया गया. उन्होंने कहा कि हर साल वहां दशहरा होता है और अकाली सरकार में भी इसी जगह रावण दहन किया जाता था. उन्होंने कहा कि लोगों को हमने ट्रैक पर नहीं बैठाया और न ही ट्रेन चढ़ाई, ये हमारे इलाके के लोग हैं और हम इनके दुख दर्द में साथ हैं. कौर ने कहा कि इस पर राजनीति करने वालों को शर्म आनी चाहिए.