असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद लापता हुए भारतीय वायुसेना के एएन-32 एयरक्राफ्ट का मलबा मिल गया है. अब वहां पर पहुंचने की कोशिश की जा रही है, लेकिन राहत और बचाव दल अब तक सफल नहीं हो पाया है. लिहाजा बुधवार को 15 पर्वतारोहियों को एमआई-17s और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) से लिफ्ट करके मलबे वाली जगह के नजदीक तक पहुंचाया गया.
ये पर्वतारोही जहां तक संभव था, वहां तक एमआई-17s और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) से पहुंचे और अब रात गुजारने के बाद मलबे वाली जगह के लिए पैदल रवाना होंगे. इन 15 पर्वतारोहियों में से 9 पर्वतारोही भारतीय वायुसेना, 4 सेना से हैं, जबकि दो आम पर्वतारोही हैं. ये पर्वतारोहियों को सभी जरूरी उपकरणों से लैस हैं. ये वहां पर तलाशी अभियान चलाएंगे और एएन-32 एयरक्राफ्ट से संबंधित जानकारी जुटाएंगे.
जहां पर विमान का मलबा मिला है, वो इलाका पूरी तरह से पहाड़ों से घिरा हुआ है. वहां पर पहुंचने के लिए पैदल का रास्ता भी नहीं है. खराब मौसम और दुर्गम इलाका होने की वजह से वहां पर पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
अरुणाचल के शी-योमी जिले के डिप्टी कमिश्नर मिटो दिरची का कहना है कि एएन-32 एयरक्राफ्ट के मलबे तक पहुंचना और इलाके में तलाशी अभियान चलाना बड़ा कठिन काम है. इस घने जंगल और पहाड़ी इलाके में पैदल चलने तक का रास्ता नहीं है.
इस राहत और बचाव दल के सामने सबसे पहले वहां पहुंचने के लिए पैदल मार्ग बनाने की चुनौती होगी. इसके साथ ही खराब मौसम से भी जूझना पड़ेगा. इस पहाड़ी इलाके में बारिश होने और धुंध रहने की भी खबरें हैं.
आपको बता दें कि 3 जून को भारतीय वायुसेना का एएन-32 एयरक्राफ्ट असम के जोरहाट से उड़ान भरने के 35 मिनट बाद लापता हो गया था. इस एयरक्राफ्ट में 13 लोग सवार थे और यह अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तक जा रहा था. मेचुका चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले का एक छोटा सा शहर है.