भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्टर विमान एएन-32 की तलाश जारी है. 3 जून को दोपहर 1 बजे लापता हुए इस विमान का पता लगाने के लिए भारतीय सेना पूरी ताकत झोंक दी है. इसमें नौसेना की भी मदद ली जा रही है. तमिलनाडु के अराकोनम में तैनात INS राजाली पर पी8आई विमान को तैनात किया गया है. ये विमान अत्याधुनिक सेंसरों से लैस होता है और समुद्र में लंबी दूरी तक टोह लेने में सक्षम है.
पी8आई अपने विशेष रडार और सेंसर से एएन-32 को खोजने का काम करेगा.बता दें कि एएन-32 सोमवार को असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के लिए उड़ान भरा था. विमान जोरहाट से दिन में 12.25 पर उड़ा था, आखिरी बार उससे दोपहर 1 बजे संपर्क हुआ था.
विमान का आखिरी लोकेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में चीन सीमा के करीब मिला था. इसके बाद से ही उससे संपर्क नहीं हो पाया. विमान में 8 क्रू मेंबर और 5 यात्री सवार थे. विमान को खोजने के लिए कई विमानों को लगाया गया है.
Indian Navy: Long Range Maritime Reconnaissance aircraft P8I airborne from INS Rajali, Arakonam, Tamil Nadu for the ongoing search operations for missing AN32. It will carry out search using its special radars and sensors for locating the plane.
— ANI (@ANI) June 7, 2019
'काला धुआं निकलते हुए देखा'
वहीं अरुणाचल प्रदेश के मोलो गांव की ओर एक पहाड़ से आदिवासी ग्रामीणों ने काला धुआं निकलते हुए देखा. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को कहा कि तुम्बिन गांव के तीन व्यक्तियों ने कहा कि उस दिन उन्हें मोटा काला धुआं दिखाई दिया था, जो कि मोलो गांव की ओर से लगभग 7-8 किलोमीटर दूर पहाड़ से निकल रहा था. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के बयानों का सत्यापन किया जा रहा है.
विमान की तलाश के लिए तीन खोजी दल बनाए गए हैं, जिसमें शि-योमी जिले का एक और सेना का एक दल शामिल हैं, विभिन्न संभावित स्थानों की ट्रेकिंग की जा रही है. पुलिस, सेना और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक संयुक्त प्रयास दल अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में लगभग 2,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त स्थान की खोज कर रहा है.
मुख्यमंत्री खांडू ने सियांग, वेस्ट सियांग, लोअर सियांग और शि-योमी के जिला प्रशासन को खोज और बचाव अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं. खांडू ने कहा कि सियांग और पश्चिम सियांग के उपायुक्तों ने लापता विमान का पता लगाने के लिए शुरू किए गए कदमों की जानकारी से उन्हें अवगत कराया है.
उन्होंने कहा कि वे एक दूसरे के साथ निकट समन्वय में काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रत्येक टीम में 3/4 स्थानीय लोगों को शामिल किया, जो लापता विमान और जहाज पर सवार लोगों का पता लगाने में मदद कर रहे हैं.
एन32 को खोजने में जुटे कई विमान
अरुणाचल प्रदेश के जोरहाट व मेचुका के बीच घने जंगलों वाले मार्गों पर रूसी मूल के एएन -32 ट्रांसपोर्टर का पता लगाने के लिए वायुसेना ने अपने एमआई-17 और एएलएच हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया है. वहीं दो C-130J और एसयू-30 को भी लापता विमान की तलाश के लिए लगाया गया है. इसके अलावा इसरो के RISAT यानी रडार इमेजिंग सैटेलाइट की भी मदद ली जा रही है.
पूर्वी वायुसेना कमान के कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल आर.डी माथुर, खोज और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने भारतीय वायुसेना के लापता जवानों के परिवारों से मुलाकात भी की.