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हैदराबाद: 20 लोगों ने बेरहमी से पीटा... पीड़ित पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक छात्र को हॉस्टल में घुसकर बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. पीड़ित छात्र पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है. मारपीट करने का आरोप 15 से 20 लोगों के एक ग्रुप पर लगा है. छात्र ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन से उनकी शिकायत की है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

हैदराबाद की एक यूनिवर्सिटी के छात्र को करीब 20 लोगों के एक ग्रुप ने बेरहमी से पीटा. आरोपियों ने उसे लोहे की रॉड से पीटा. उसके प्राइवेट पार्ट पर लात तक मार दी. छात्र पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है. अब छात्र ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को पत्र लिखकर इस मामले में एक्शन लेने की मांग की है. उसने पत्र में अपने परिवार और खुद की जान को खतरा भी बताया है.

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मामला हैदराबाद की आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन (IFHE) प्राइवेट डीम्ड यूनिवर्सिटी का है. शिकायत करने वाले छात्र का नाम हिमांक बंसल है. वह IFHE में BBA-LLB का छात्र है. यूनिवर्सिटी प्रबंधन को लिखे पत्र में हिमांक ने कहा है कि एक समूह ने लोहे की रॉड, चमड़े के बेल्ट और लोहे के हथियारों से उसे बेरहमी से पीटा है. घटना में वो गंभीर रूप से घायल हो गया है.

हिमांक के पत्र के मुताबिक, '1 नवंबर की दोपहर करीब 3.30 बजे 15-20 लोग मेरे हॉस्टल के कमरे में घुस गए. उन्होंने मुझे अपमानित करते हुए मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. मेरे प्राइवेट पार्ट पर लात मारी. पूरी घटना उन्होंने रिकॉर्ड की और मुझसे पेंट उतारने के लिए कहने लगे. उन्होंने कहा कि अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो मुझे जान से मार देंगे.'

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छात्र ने आगे लिखा, 'मारपीट के कारण मेरी दाहिनी आंख के नीचे गंभीर चोट आई है. मेरे साथ इतनी बुरी तरह मारपीट की गई कि उनमें से ही एक आदमी ने मुझे ये कहकर पीटने वालों को रोक दिया कि ज्यादा मारने से स्थिति बिगड़ सकती है. मेरी खोपड़ी सूज गई थी. मेरी नाक में भी तकलीफ है. जाते समय उन्होंने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने इस बारे में कॉलेज प्रबंधन को बताया तो मुझे यूनिवर्सिटी से गायब कर देंगे, जिसके बाद मेरी लाश को ठिकाने लगा दी जाएगी.'

हिमांक ने अपने पत्र मैं आगे लिखा है, 'शुरुआत में मैं इस बात से अनजान था कि आखिर उन्होंने मेरे साथ मारपीट क्यों की? पूछने पर उन्होंने बताया कि मैंने गलती से पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कुछ विवादित टिप्पणी कर दी है. मुझे एहसास हुआ कि मैंने बीए-एलएलबी फर्स्ट इयर की छात्रा दीपाशा शर्मा से बातचीत के दौरान गलती से कुछ ऐसा कह दिया था, जो मुझे नहीं कहना चाहिए था. दीपाशा ने उस बातचीत का स्क्रीनशॉट पब्लिक प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दिया. इसके बाद ही लोग मुझे पीटने आ गए.'

हिमांक ने अपने साथ हुई मारपीट के लिए छात्रा दीपाशा शर्मा को दोषी ठहराया है. उसने पत्र में कहा है कि दीपाशा को निजी बातचीत को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था. इससे मेरी जिंदगी खतरे में आ गई है. मुझे पीटने आए लोगों ने मेरी सहमति के बिना मेरी व्हाट्सएप चैट चेक की. मेरी गोपनीयता पर हमला किया. मैंने डर के कारण बाद में उन सभी चैट को हटा दिया कि कहीं दोबारा मुझ पर हमला न हो जाए. 

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छात्र ने आगे कहा कि दीपाशा शर्मा ही मेरी दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है. उसे पता था कि यह चैट वायरल होने के बाद मेरी जिंदगी खतरे में आ सकती है, इसके बाद भी उसने इसे पब्लिक कर दिया. दीपाशा के अलावा हिमांक ने इस मारपीट के लिए अभिषेक नामक छात्र को भी जिम्मेदार ठहराया है. हिमांक ने कहा कि अभिषेक ने मुझे मेरे कमरे में बंद कर दिया और जो लोग मुझे पीटने आए थे, उन्हें लेदर का बेल्ट भी दिया. हिमांक ने कहा कि मेरा परिवार जो निजमाबाद में रहता. मुझे पीटने आए लोगों ने उन्हें ट्रैक करके उनके साथ भी बुरा सलूक करने की धमकी दी है. 

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