दिल्ली इलेक्शन प्यार का दुश्मन हाय हाय
प्यार का दुश्मन बाजार का दुश्मन हाय हाय
मेरे लवली भक्तों
मैं तुम्हारा बाबा वैलेंटाइन तुम्हें लानत भेजने आया हूं. कसम पूच्ची पू की आज तक इतनी बेइज्जती नहीं हुई जितनी इस बार हुई है. किसी थके हुए नेता की पुण्यतिथि की तरह इस बार मेरी जयंती बिना किसी हो हल्ले बीत गई. मेरा जुझारू काडर इस बार बगावत कर बैठा. जिन हाथों में फूलों का गुच्छा होना चाहिए था उनमें झाड़ू लहरा रही है. जो लड़कियां सदियों से अपने ब्वॉयफ्रेंड्स को टोपी पहना कर महंगे गिफ्ट्स वसूलती रही हैं वो भी इस बार उन्हें 'मैं हूं आम आदमी' वाली टोपी पहनाने में व्यस्त रहीं.
मनचले आशिकों साफ-साफ सुन लो अगर दिल्ली की सरकार बनवाने में ही लगे रहे तो कहीं ऐसा न हो जाए आपकी निजी सरकार किसी और को समर्थन दे दे. रोजाना दुकानदारों के फोन आ रहे हैं मेरे पास कि बाबा अब आपकी वेलेडिटी खत्म हो गई. आप अब संन्यास पर निकल लो. फ्री फोकट में हमारा नुकसान करा दिया. दुकानों में हजारों सुर्ख दिल पड़े हैं उन्हें कोई खरीदने वाला ही नहीं.
मेरे पावन पंचाग के सारे अहम दिन बीत गए लेकिन ताबूत में अंतिम कील तो ठोकी दिल्ली के नए नवेले मुख्यमंत्री ने. भई क्या जरूरत थी वैलेंटाइन डे को शपथ लेने की. भाई इतने दिन से मीडिया का अटेंशन मिल ही रहा था, एक हफ्ता तो हमारे लिए छोड़ देते. लोग रोमांटिक फिल्मी गाना सुनने के बजाय केजरीवाल की आवाज में आदमी का आदमी से भाईचारा गाना सुन रहे थे. यह सीन देखकर सच में मुझे लगा कयामत यहीं कहीं आस-पास है.
इस बार तो मुझे सबसे ज्यादा निराश किया है मेरे उन समर्थकों ने जो मेरा विरोध कर हर बार मेरी टीआरपी बढ़ाते रहते थे. इस बार सारी सेनाएं जाने कहां बिला गईं. न तो किसी को खुलेआम धमकी दी न उनके विरोध में कोई 'पिंक चड्ढी' जैसा तामझाम शुरू हुआ. मैं अगर आउटडेटेड हो गया तो तुम लोगों को भी कोई नहीं पूछेगा इसलिए सचेत हो जाओ. बॉलीवुड वालों ने भी इस बार मुझे अपने चोचलों से दूर रखा. मेरी हालत सत्ताधारी पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता जैसी हो गई है जो बनना तो प्रधानमंत्री चाहता था लेकिन डाल दिया गया है परामर्श मंडल में.
मेरी एकमात्र उम्मीद बाबा गुट के फिल्मी बाबा से है जिनकी फिल्म इसी हफ्ते रिलीज हुई है. जितनी सुरक्षा बाबा की फिल्म के लिए थिएटरों के बाहर है प्रेमियों के लिए सिनेमाघरों से सुरक्षित जगह नहीं हो सकती प्यार करने की. फिल्म तो वैसी भी आपको देखनी कहां होती है. मेरे पावन पंचाग के क्यूटीपाई वाले दिन तो बीत चुके हैं लेकिन किक डे और स्लैप डे जैसे रोमांचक पर्व अभी भी बचे हैं. तो अगर इस साल मोहब्बत नहीं दिखाई तो कर दो किसी की धुनाई.
तुम्हारा अपना
बाबा वैलेंटाइन