scorecardresearch
 

'फादर्स डे' पर पिता के नाम एक बेटे का खुला खत

हमको पता है आप पढ़ रहे होंगे. रोज यहां पढ़ने आते हैं. बुकमार्क करके रखे हैं. फादर्स डे है आज और 21 जून है. सुने हैं सबसे लम्बा दिन होता है आज का. पापा लोग का दिन है न लम्बा होगा ही.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

डियर पापा,
हमको पता है आप पढ़ रहे होंगे. रोज यहां पढ़ने आते हैं. बुकमार्क करके रखे हैं. फादर्स डे है आज और 21 जून है. सुने हैं सबसे लम्बा दिन होता है आज का. पापा लोग का दिन है न लम्बा होगा ही.

Advertisement

बचपन से हमको मम्मी पसंद थीं ज्यादा. सबको होती हैं. मम्मी-मम्मी होती हैं न. उनको कभी नहीं छोड़ते थे. एक बार वो छोड़ के चली गईं थीं हमको नानी के यहां. पहली बार पापा के साथ अकेले रहे, तब समझ आया था पापा भी मम्मी बन सकते हैं. पापा कुछ भी बन सकते हैं. कुछ भी बना सकते हैं.

मम्मी नानी के यहां गईं. आप हमको कचहरी ले के गए. हम घर पे बोर न हों पर हम कचहरी में बोर हो गए. वकीलों की मंड़ई के नीचे बैठे-बैठे. चैम्बर कहते हैं उसको. आप रोज कैसे बैठे रहते हैं? गर्मी में भी और बरसात में भी. इतनी कुर्सियां थी, सब आपकी थीं. पर आप सबसे खराब वाली कुर्सी पर बैठे थे. तांत भी टूटी थी उसकी. हम पूछे भी कि आप अच्छी वाली कुर्सी में क्यों नहीं बैठते. फाइबर वाली में, नई वाली में, जिसमें फूल बना है. चिट लगी है. हमको चिट वाली चीजें अच्छी लगती थीं. चिट वाली नई गिलास में पानी पीते थे.

Advertisement

पापा टाल दिए. पापा को जो नहीं बताना होता है, वो टाल देते हैं. सुनते बड़े गौर से हैं फिर ऐसे बन जाते हैं जैसे सुने ही नहीं. सब एक से मुवक्किल आते थे आपके. हर कोई पैसे देने में सौ नाटक करता. सारे वकील एक से नजर आते थे और कितनी देर तक बैठे रहना पड़ता है काम करते. फिर बार-बार कोर्ट में जाना पड़ता है. वहां खड़े रहना पड़ता होगा.

हम बोले थे हमको भी कोर्ट देखनी है. पिच्चर जैसी होती होगी. आप नही ले गए. हम वकीलों के उसी चेम्बर में बैठे रह गए. दिन कितना लम्बा लगने लगता है. पापा लोग का दिन लम्बा होता है. हर दिन लम्बा होता है.

जब-जब कुछ बुरा होता है न मम्मी याद आ जाती हैं. मम्मी की याद के साथ ही मम्मी का फोन आ जाता है. फिर सब अच्छा हो जाता है, पर फोन देख के तो आप याद आते हैं, आप दिलाए थे न. हर चीज के लिए जिद करनी पड़ती है. सौ बार मांगो तब तो आप दिलाते थे. बड़ी मुश्किल से तैयार होते थे कुछ दिलाने को. लगता था कितने पैसे बचाते हैं. पर नहीं जब कुछ दिलाते थे न तो कहते थे अच्छा वाला लो पैसे ज्यादा भले लग जाएं चीज अच्छी हो. आप बिना कहे समझा देते हैं. पैसे मेहनत से आते हैं. सोच-समझकर खर्च करो,खर्च करने से ज्यादा जरूरी है सही जगह खर्च करो.

Advertisement

पहले नही समझते थे. अब खुद कमाना पड़ता है तो समझ आता है और भी बहुत कुछ समझ आता है. आप कभी तारीफ क्यों नही करते. जब कहीं जाना होता है तो गायब क्यों हो जाते हैं घर से. स्टेशन क्यों नही आते छोड़ने. ज्यादा फोन क्यों नहीं करते. मम्मी से ही हाल-चाल क्यों ले लेते हैं.

अच्छा पता क्या लगता है? अच्छा लगता है जब अब भी कुछ गलत करो और आप तुरंत टोक देते हैं. पहले लगता था क्या हर बात में टोकते रहते हैं. एक उम्र होती है, उस उम्र में अपने पापा सबसे बुरे लगने लगते हैं दुनिया में. उनकी हर बात से चिढ़ होती है. फिर समझ आता है दुनिया कितनी बुरी है. फिर समझ आता है पापा कितने अच्छे हैं.

पहले आप कुछ कहते थे तो लगता था आप ये नहीं सोचते हैं कि अच्छा लगेगा या बुरा हमको. अब न पता चला आप हमेशा चाहते थे बुरा भले लगे बुरा होने न पाए. पापा ऐसा है कि प्यार बहुत करते हैं हम आपको, सबसे ज्यादा. न आप कह पाते हैं न हम. लड़की होते तो कह देते. उनके लिए कई चीजें आसान हो जाती हैं. दुलार में धक जाता है उनका सब. थोड़ा चेचरा भी लें वो तो चल जाता है.

Advertisement

हम नहीं कह पाते. कह दें अभी सामने आके तो आप भी चौंक जाएंगे. रिएक्ट न कर पाएंगे कुछ. अजीब सी हालत होगी,बस ये है कि अब जब पैर पड़ते हैं न तो थोड़ी ज्यादा देर तक झुके रहते हैं. सिर पे आपका हाथ रहता है दो सेकेण्ड तक. बस वही दो सेकेण्ड न सब कुछ है और बाकी का वो है जो हमको देखकर आप खिले हुए चेहरे में छुपा जाते हैं. बाकी सब छुपा लीजिए बस वो दो सेकेण्ड हमेशा हमारा रखिएगा.

और हां पापा हैप्पी फादर्स डे. आप तो जानते हैं न, आज कल ये क्या नया-नया सब चला है, तो बस वही सोशल रिवाज निभा रहा हूं, ताकि आपसे आज के दिन के बहाने कह सकूं कि हम भी आपको मम्मी जितना ही प्यार करते हैं, बस आपको इस प्यार का एहसास कराने के मामले में जुबां जरा साइलेंट मोड में चली जाती है.


आपका शरारती बेटा

Advertisement
Advertisement