आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में गुरुवार को वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी की नियमित जमानत के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया.
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय 24 दिसंबर को भी जगन की एक जमानत याचिका खारिज कर चुका है. सीबीआई ने 22 जनवरी को अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि वह राज्य सरकार के असहयोग के कारण जगनमोहन रेड्डी के मामले में तेजी से जांच करने में समर्थ नहीं है.
जगन के वकील एस निरंजन रेड्डी ने जमानत के लिए दलीलें देते हुए पूर्व में शिकायत की थी कि ऐसा लगता है कि जांच कभी खत्म नहीं होगी और अधूरी जांच के नाम पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता.
सीबीआई ने हालांकि, तर्क दिया कि जमानत याचिका शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप विचार योग्य नहीं है, जिसने कहा था कि जगन को अंतिम आरोपपत्र दायर हो जाने के बाद जमानत के लिए निचली अदालत जाने की छूट है.
विशेष सीबीआई अदालत ने 28 नवम्बर को जगन की एक जमानत याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया था कि लंबित जांच के इस चरण में जमानत देने से न सिर्फ जांच में बाधा आएगी, बल्कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन होगा.
इसके बाद चार दिसंबर को जगन की दूसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी. जगन ने तब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटाखटाया और दो जमानत याचिकाएं दायर कीं.