लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने पार्टी में बड़े बदलाव करने का फैसला किया है. साथ ही जेडीएस ने कर्नाटक में पदयात्रा निकालने का फैसला किया है. इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी पदयात्रा के सहारे राज्य का दौरा किया था. लोकसभा चुनाव में जेडीएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा भी अपनी सीट हार गए. इस हार के बाद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए मेहनत करने की जरूरत है.
जेडीएस द्वारा पदयात्रा की शुरुआत अगस्त से की जा सकती है. इसकी शुरुआत बिदर सीट से होगी जो बाद में बेंगलुरु में आकर खत्म हो जाएगी. पदयात्रा का नेतृत्व पूर्व विधायक वाईएसवी दत्ता द्वारा किया जाएगा. पदयात्रा के जरिए पार्टी नेता इस बात पर जोर देंगे कि राज्य को क्षेत्रीय पार्टियों की क्यों जरूरत है? देवगौड़ा के करीबी सूत्र ने बताया कि बिना गठबंधन की भावनाओं को ठेस पहुंचाए और बिना दीवारों पर पोस्टर चिपकाए ये पदयात्रा निकाली जाएगी. राष्ट्रीय पार्टियां राज्य में फेल हो गई हैं क्योंकि वह लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देतीं.
सकलेशपुर से विधायक एच.के कुमारस्वामी को जेडीएस का नया स्टेट चीफ नियुक्त किया जा सकता है. एक दलित विधायक को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जेडीएस लोगों को संदेश देना चाहती है कि वह वोक्कालिगाओं की पार्टी नहीं है. कुछ समय के लिए पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा भी पदयात्रा में हिस्सा ले सकते हैं. इसके सहारे जेडीएस कर्नाटक के उत्तरी ग्रामीण इलाके में अपनी पकड़ बनाने का प्रयास करेगी.
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