सेक्स स्कैंडल के आरोपों से घिरे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है. हालांकि राष्ट्रपति को भेजे इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते पद छोड़ने की बात कही है.
राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि अविभाजित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तिवारी ने ‘स्वास्थ्य आधार’ पर अपना इस्तीफा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को भेज दिया. तिवारी का इस्तीफा तेलुगु चैनल ‘एबीएन आंध्र ज्योति’ के एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत प्रसारित किए एक फुटेज के बाद आया है, जिसमें राजभवन में एक उम्रदराज व्यक्ति को तीन महिलाओं के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखाया गया था.
चैनल के अनुसार यह व्यक्ति तिवारी थे. राजभवन ने इससे इनकार करते हुए शुक्रवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. राजभवन को इसके बाद अदालत से आदेश मिल गया, जिसमें चैनल को फुटेज प्रसारित करने से रोक दिया गया. स्टिंग ऑपरेशन के बाद तेदेपा, माकपा, भाकपा और भाजपा समेत कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से लगातार तिवारी की बर्खास्तगी की मांगें आ रहीं थीं. महिला संगठनों ने भी तिवारी के खिलाफ प्रदर्शन किए थे.
कांग्रेस ने तिवारी के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने सही फैसला किया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि किसी पड़ोसी प्रदेश के राज्यपाल को कुछ समय के लिए आंध्रप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा सकता है. इस बात के संकेत दिए जा रहे थे कि तिवारी अब इस पद पर नहीं बने रह पाएंगे क्योंकि केंद्र ने इस मामले पर शनिवार को ही प्रदेश के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी. कांग्रेस के शीषर्स्थ सूत्रों ने बताया कि तिवारी के कारण संगठन को खासी शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है और इसके चलते उन्हें जाना पड़ेगा.
तिवारी के इस्तीफे पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मीडिया विभाग के प्रमुख जनार्दन द्विवेदी ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने सार्वजनिक जीवन के उच्च मानकों को देखते हुए सही फैसला किया है. हम इसका स्वागत करते हैं.’’ कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने पूर्व में कहा था कि उच्च न्यायालय मामले को देख रहा है. उन्होंने कहा ‘‘चूंकि मामला अदालत में है, कोई इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.’’ तेलुगु चैनल के प्रधान संपादक वेमुरी राधाकृष्णा ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी दिखाया है, उनके पास उसके समर्थन में सबूत हैं.
उन्होंने कहा ‘‘उन्हें मानहानि का नोटिस देने दीजिए. हम इस मामले से निपटने के लिए तैयार हैं.’’ यह पहली बार नहीं है, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी किसी महिला से जुड़े विवाद में फंसे हैं. कुछ दिन पूर्व पेशे से वकील रोहित शेखर ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि उनका जन्म कांग्रेस नेता तिवारी और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा के बीच अंतरंग संबंधों के कारण हुआ. राज्यपाल तिवारी ने इन आरोपों का खंडन किया था.