आंध्र प्रदेश के खुफिया विभाग ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर एक पाकिस्तानी जासूसी रैकेट का खुलासा किया है. इस मामले में आठ लोगों को पकड़ा गया है. भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान इस रैकेट के निशाने पर थी. नौसेना की यह कमान रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है.
एफआईआर दर्ज
इस मामले में देशव्यापी छापेमारी के बाद आश्चर्यजनक रूप से नौसेना के कर्मचारी पकड़े गए हैं. सात नौसैनिकों और एक हवाला ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह रैकेट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में फैला हुआ था.
आंध्र प्रदेश के खुफिया विभाग ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से पूरे देश में 'ऑपरेशन डॉल्फिन' लॉन्च किया था. इसी ऑपरेशन के तहत इस रैकेट का खुलासा हुआ है. इस रैकेट के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं.
ऑपरेशन डॉल्फिन से आरोपी पर्दाफाश
बंगाल की खाड़ी के सामने यारदा और गंगावरम बंदरगाह के बीच विशाखापट्टनम में डॉल्फिन नोज स्थित है. यहां नौसेना के क्वार्टर के अलावा नौसेना की पूर्वी कमान स्थित है. यह नौसेना की तीन प्रमुख संरचनाओं में से एक है, जो डॉल्फिन पहाड़ी के पीछे मौजूद हैं.
सूत्रों का कहना है कि दो नौसेना कर्मियों के साथ तीन लोगों को, जो नौसेना की पूर्वी कमान के लिए काम करते थे, विशाखापट्टनम से पकड़ा गया है. बाकी लोगों को दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों से पकड़ा गया है.