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आंध्र BJP नेताओं के साथ अमित शाह की बैठक, राम माधव भी थे मौजूद

आंध्र प्रदेश के नेताओं के साथ अमित शाह की मुलाकात के बाद राममाधव ने कहा कि इस संबंध में हम एक प्रस्ताव पास करेंगे और आंध्र की जनता को इस बारे में बताएंगे. बीजेपी आंध्र के लोगों के साथ हर मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करने को लेकर स्पष्ट है. जनता की भलाई के लिए बीजेपी पूरी तरह दृढ़ प्रतिज्ञ है.

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बीजेपी नेता राम माधव
बीजेपी नेता राम माधव

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तेलुगु देशम पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में बीजेपी नेता राम माधव और पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव भी शामिल हुए.

यही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमित शाह ने टीडीपी नेताओं के साथ भी मुलाकात की है.

शाह की बैठक में तय किया गया कि राम माधव सेंट्रल बीजेपी और स्टेट बीजेपी के बीच तालमेल का काम देखेंगे. इसमें प्रदेश स्तर पर संगठन के फैसलों में भी राम माधव की बड़ी भूमिका रहेगी.

बैठक के बाद टीडीपी के एनडीए में लौटने के सवाल पर बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि ये सवाल तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं से पूछा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में हमने जो किया है उस बारे में आंध्र प्रदेश की जनता को बताएंगे. हम राज्य के स्पेशल स्टेटस से ज्यादा काम करने को तैयार हैं.

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आंध्र प्रदेश के नेताओं के साथ अमित शाह की मुलाकात के बाद राममाधव ने कहा कि इस संबंध में हम एक प्रस्ताव पास करेंगे और आंध्र की जनता को इस बारे में बताएंगे. बीजेपी आंध्र के लोगों के साथ हर मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करने को लेकर स्पष्ट है. जनता की भलाई के लिए बीजेपी पूरी तरह दृढ़ प्रतिज्ञ है.

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि पिछले चार सालों में केंद्र की सरकार ने आंध्र के लिए बहुत कुछ किया है.

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सभी प्रदेशों के संगठन चुनाव होने हैं. इस दौरान आंध्र प्रदेश में संगठन के चुनावों में नए प्रदेश अध्यक्ष का भी चुनाव होगा. सूत्रों के मुताबिक टीडीपी के एनडीए से बाहर जाने के बाद बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए अगली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अप्रैल में विशाखापत्तनम में करेगी.

2017 में भी बीजेपी ने 14 और 15 जुलाई को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक विशाखापत्तनम में रखी थी, लेकिन तब टीडीपी के विरोध के चलते बैठक वहां नहीं हो पाई थी.

बता दें कि तेलुगु देशम पार्टी ने आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग पूरा न करने को लेकर खुद को एनडीए से अलग कर लिया है. टीडीपी लगातार मोदी सरकार से मांग कर रही थी कि केंद्र आंध्र से किए गए वादे को पूरा करे. लेकिन केंद्र सरकार राज्य को स्पेशल दर्जे के मुद्दे पर चुप्पी साधे रही. हालांकि बीजेपी ने पूरी कोशिश की, टीडीपी मान जाए, लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी मांग पर अड़े रहे.

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अपनी मांगें पूरी न होने के विरोध स्वरूप पहले टीडीपी के दो मंत्रियों ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दिया और फिर शुक्रवार को टीडीपी ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया. यही नहीं टीडीपी अगले हफ्ते मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव भी लाने जा रही है. टीडीपी के साथ वाईएसआर कांग्रेस भी संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.

वाईएसआर कांग्रेस ने विपक्षी पार्टियों से इस मुद्दे पर समर्थन मांगा है. विपक्षी दलों कांग्रेस, माकपा सहित कई दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही है. बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 50 सांसदों का समर्थन होना चाहिए. संसद में वाईएसआर के पास 5 सांसद हैं, उसे कम से कम 45 और सदस्यों का समर्थन चाहिए.

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