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37 दिन पहले गोदावरी नदी में डूबी नाव का रेस्क्यू, शव भी बरामद

आंध्र प्रदेश में पिछले महीने गोदावरी नदी में डूबी नाव को 37 दिन बाद ढूंढ लिया गया है. इस हादसे में लापता हुए लोगों के शवों को भी बरामद कर लिया गया है.

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रॉयल वशिष्ठ नाव को बाहर निकालने के लिए चलाया गया अभियान (Courtesy- ANI)
रॉयल वशिष्ठ नाव को बाहर निकालने के लिए चलाया गया अभियान (Courtesy- ANI)

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  • 15 सितंबर को गोदावरी नदी में डूब गई थी रॉयल वशिष्ठ नाव
  • नाव में सवार थे 77 लोग, 26 लोगों को ग्रामीणों ने बचाया था

आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी में डूबी नाव को 37 दिन बाद ढूंढ लिया गया है. नाव से क्षत-विक्षत शवों को भी बरामद किया गया है. आपको बता दें कि पिछले महीने गोदावरी नदी में 77 लोगों को ले जा रही एक नाव डूब गई थी. एक निजी कंपनी ने डूबी नाव को बाहर निकालने के लिए अभियान शुरू किया था.

गोदावरी नदी से रॉयल वशिष्ठ नाव को बाहर निकालने में काकीनाडा बंदरगाह और स्कूबा गोताखोरों के कर्मियों सहित 40 सदस्यीय टीम को लगाया गया था. नाव में फंसे क्षत-विक्षत शवों को बाहर निकाला जा रहा है और उनकी पहचान की जा रही है. अभी तक नाव में फंसे शवों की संख्या का पता नहीं चल सकी है.

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आपको बता दें कि 15 सितंबर को रॉयल वशिष्ठ टूरिस्ट नाव 77 लोगों को पर्यटन स्थल पापिकोंडालु के लिए ले जा रही थी, तभी काचुलुरु गांव के पास पलट गई थी. स्थानीय ग्रामीणों ने नाव में सवार 26 लोगों की जान बचा ली थी, लेकिन बाकी लोग नहीं बचाए जा सके थे. 38 शवों को पहले ही बरामद कर लिया गया था, जबकि नाव में सवार 12 लोग लापता हो गए थे.

कंपनी ने महीने की शुरुआत में भी नाव को 215 फुट की गहराई से बाहर निकालने की कोशिश की थी, लेकिन विफल रही थी. पानी का बहाव तेज होने के चलते अभियान को रोकना पड़ा था. कंपनी विशेषज्ञ तैराकों, नावों, बेड़े, अभियान के लिए 1,500 मीटर लोहे की केबल और हुक का इस्तेमाल करके अपने अभियान को अंजाम तक पहुंचाया.

वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार ने इस हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. बाढ़ के दौरान बैन के बावजूद भी इसके इस्तेमाल करने को लेकर नाव के मालिक और चालक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मृतकों के परिजनों से मिलने भी पहुंचे थे.

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