आंध्र प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बने रहने पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को अपने सांसदों के साथ बैठक की. टीडीपी की ये बैठक मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आवास पर अमरावती में हुई. बैठक में बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर धैर्य बरतने पर सहमति बनी है.
बैठक खत्म होने के बाद टीडीपी नेता और केंद्रीय मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि हम तत्काल रूप से आंध्र प्रदेश पुनर्निर्माण एक्ट लागू कराना चाहते हैं. नहीं तो हमारे पास डेढ़ साल है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी समाधान निकालती है तो अच्छा रहेगा.
राजनाथ ने की बात
वहीं सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी सामने आ रही है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तकरार दूर करने के लिए मोर्चा संभाला है. बताया जा रहा है कि राजनाथ ने नायडू से बात की है. दोनों के बीच करीब 15 मिनट तक बात हुई है. बता दें कि आंध्र प्रदेश रिऑर्गेनाइजेशन गृह मंत्रालय के अधीन आता है.
वहीं, टीडीपी के प्रभावशाली सांसद टीजी वेंकटेश ने कहा कि अगर वे (बीजेपी) हमारी पैकेज की मांग को पूरा करते हैं, तो दोस्त के रूप में हमारा साथ बरकरार रहेगा. नहीं तो विकल्प (गठबंधन से अलग होने का) तो हमेशा खुले होते हैं, उनके लिए भी और हमारे लिए भी.
जेटली से मिलेंगे चौधरी
इस बीच ये बात भी सामने आ रही है कि वाईएस चौधरी बजट में आंध्र की अनदेखी को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से सोमवार को दिल्ली में मुलाकात करेंगे. चौधरी के साथ उनकी पार्टी के कुछ सांसद भी मौजूद रहेंगे.
बजट के बाद गठबंधन में दिखने लगी दरार
दरअसल, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होने के बाद टीडीपी ने मुखर होकर बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मोदी कैबिनेट में मंत्री और टीडीपी नेता वाई. एस. चौधरी ने बजट से नाखुशी जाहिर कर बहस को नया मोड़ दे दिया है.
वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी बजट में आवंटन को सही नहीं बताया है. बजट पेश होने के बाद ही नायडू ने अपने सांसदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की.
दोनों पार्टियों के बीच विवाद ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है कि नायडू को आज भविष्य पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलानी पड़ी है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि टीडीपी का एनडीए में सफर यहीं थम सकता है और वह जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है. हालांकि, बीजेपी ने कहा है कि वह आंध्र प्रदेश के हितों को लेकर पूरी तरह से कमिटेड हैं.