आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार के द्वारा तीन राजधानियां बनाने के प्रस्ताव पर राजनीतिक बवाल बढ़ता जा रहा है. जगन सरकार के इस फैसले का विपक्षी दल टीडीपी विरोध कर रही है. सोमवार को प्रदर्शन के दौरान टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया. सांसद को 31 जनवरी तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी ने सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसके जरिए राज्य में तीन राजधानियां बन जाएंगी. इस प्रस्ताव के खिलाफ कई जगह प्रदर्शन हो रहा है. अमरावती से लेकर राज्य के अन्य हिस्सों में TDP के सांसद सड़कों पर उतरे हुए हैं. मंगलवार को भी विधानसभा में इस मसले पर हंगामा हो रहा है.
My grandfather went to jail fighting the #British #regime. Today I am being sent to #jail for fighting this authoritarian and oppressive Govt. The #fight for #Amaravati will continue. #JaiAmaravati!!#SaveAmaravati #SaveAmaravatiSaveAndhra #MyCapitalAmaravati pic.twitter.com/OtU3sevifr
— Jay Galla (@JayGalla) January 20, 2020
पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे TDP सांसद को सोमवार शाम को ही गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. मजिस्ट्रेट की ओर से ही उन्हें 31 जनवरी तक के लिए हिरासत में भेजा गया है. सोमवार को प्रदर्शन के दौरान TDP सांसद जयदेव गल्ला और उनके समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
विधानसभा से लेकर सड़कों तक विरोध
आपको बता दें कि सोमवार को जब विधानसभा का सत्र चल रहा था, तब टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की ओर से विधानसभा में विरोध जताया गया था. TDP विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. वहीं अमरावती में कड़ी सुरक्षा के बावजूद हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और सरकार का विरोध किया.
क्या है जगन का प्लान, विवाद क्यों?
राज्य के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के द्वारा जो आंध्र प्रदेश विक्रेंदीकरण बिल पेश किया गया है, उसके जरिए राज्यों को कुछ ज़ोन में बांटा जाएगा. इसके तहत अलग-अलग विकास बोर्ड बनाए जाएंगे, साथ ही तीन राजधानियां विकसित की जाएंगी. इनमें विशाखापट्टनम, अमरावती और कुरनूल शामिल है.
सरकार के इस फैसले का मुख्य विपक्षी दल टीडीपी विरोध कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा अमरावती को राजधानी के तौर पर डेवलेप किया जा रहा था और इसे टीडीपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर देखा जा रहा था.