मंगलोर हिंसा पर कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने साफ-साफ कहा कि भीड़ (प्रदर्शनकारी) गोला-बारूद की दुकानों में लूटपाट करना चाहती थी. भीड़ की कुल 3000 बुलेट और 40 हथियार लूटने की योजना थी. कल्पना कीजिए कि अगर ऐसा होता तो क्या हो जाता.
उन्होंने आगे कहा कि वे सभी पहले से संगठित थे. कांग्रेस और जनता दल (एस) को वीडियो को फेक साबित करने का सबूत देना चाहिए. बसवराज ने कहा कि हम गोली चलाने की घटना से खुश नहीं हैं, लेकिन घटना इस कदर गंभीर थी कि हमें गोली चलानी पड़ी.
इस बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मंगलोर में हुई हिंसा में मारे गए दो लोगों के मामले में सीआईडी जांच के आदेश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने जांच के आदेश दिए हैं.
संगठित लूट और हमलाः बोम्मई
गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कई मीडिया संस्थानों ने दिखाया कि मंगलोर में क्या हुआ था, सब कुछ कैमरा और सीसीटीवी में कैद हो गया था. आप सभी ने इसे टीवी पर दिखाया. आप देख सकते हैं कि किस हद तक पथराव किया गया.
बोम्मई ने कहा कि उन्होंने अपने चेहरे ढक रखे थे और एक संगठित तरीके से उन्होंने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों पर हमला किया. यह संगठित लूट और हमला लगता है. आपने देखा है कि उन्होंने कैसे आग लगाई, पेट्रोल बम और ईंटों का उपयोग किया गया. क्या कोई उन्हें निर्दोष कह सकता है? उन्होंने कहा कि यह संगठित हमला था बदमाश हिंसा पैदा करना चाहते थे.
मौत के बाद राजनीति
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ देश के कई शहरों उग्र प्रदर्शन हुआ. कई लोग इस हिंसा में मारे भी गए. कर्नाटक के पुलिस फायरिंग के दौरान मंगलौर में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई थी. इस मौत पर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर लगातार हमलावर है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. सिद्धारमैया ने कहा कि मंगलोर में पुलिस फायरिंग में 2 निर्दोष लोगों की मौत हो गई. दोनों गरीब परिवार से आते हैं. नौशीन की उम्र महज 23 साल है. वह अपने परिवार में केवल इकलौता कमाने वाला व्यक्ति है. मंगलोर हिंसा पर उन्होंने मुझे नोटिस जारी किया और दूसरी तरफ सीएम येदियुरप्पा को अनुमति दी. मैं विपक्ष का नेता हूं और मुझे इसकी अनुमति नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या है.'