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अनिल माधव दवे के देहांत पर मोदी, राजनाथ, जेटली समेत कई हस्तियों ने जताया दुख

केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार सुबह देहांत हो गया. वह बुधवार रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में मौजूद थे.

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अनिल माधव दवे के देहांत पर हस्तियों ने जताया दुख
अनिल माधव दवे के देहांत पर हस्तियों ने जताया दुख

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केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार सुबह देहांत हो गया. वह बुधवार रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनिल माधव की मौत पर दुख जताया. अनिल माधव दवे 61 साल के थे. वह काफी समय से बीमार थे, और एम्स में भर्ती थे. केंद्रीय मंत्री के देहांत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

पढ़ें किसने जताया दुख...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख -

अमित शाह ने भी जताया दुख-

सुमित्रा महाजन ने जताया दवे के देहांत पर दुख
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अनिल माधव दवे के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 'श्री दवे को हम सभी एक आदरणीय सहयोगी, प्रबुद्ध चिंतक, पर्यावरण प्रेमी और कुशल संगठनकर्ता के तौर पर याद करेंगे'. श्री दवे ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए जनजागृति और जनभागीदारी के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया. एक जनसेवक एवं विशेषकर पर्यावरण मंत्री के रूप में अपने अध्ययन चिंतन एवं कार्यशैली से उन्होंने अत्यंत दूरगामी एवं अमिट छाप छोड़ी. वें अत्यंत सरल एवं मृदुल भाषी थे, मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.

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राहुल गांधी ने भी श्रद्धांजलि-

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि -

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय -

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद -

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास -

केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर -

वित्त मंत्री अरुण जेटली -

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी -

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू -

बीजेपी नेता संबित पात्रा -

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला -

दो सेशन से नहीं आ रहे थे संसद
जानकारी के मुताबिक, अनिल दवे पिछले दो सत्र से सेशन में नहीं आ रहे थे. उनकी जगह प्रकाश जावड़ेकर सदन में उनका कामकाज संभाल रहे थे. वे छुट्टी पर थे. बीच में संसद आते थे, मेडिकल विंग में चेकअप के लिए आते थे. मंत्रालय आकर कामकाज संभालने की स्थिति में नहीं थे, पर अक्सर आते थे. 5 जुलाई 2016 में उन्हें मंत्री बनाया गया था.

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संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा पर अच्छी पकड़ थी. प्रश्नकाल में सवालों का जो जवाब देते थे उसके लिए विपक्ष भी उनकी तारीफ करते थे.

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