भारत की ओर से पदक की प्रबल दावेदार ओलंपियन एथलीट अंजू बाबी जॉर्ज ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से इस साल अक्टूबर में दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पायेंगी. लंबी कूद की महिला एथलीट अंजू बाबी जॉर्ज ने 2004 एथेंस ओलंपिक और 2008 बीजिंग ओलंपिक में शिरकत की थी.
लेकिन वह एथेंस में पदक से महरूम रही थी जबकि बीजिंग में तीन प्रयासों में फाउल के कारण क्वालीफाई नहीं कर पायी थी. राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं लेने की खबर के बारे में अंजू बाबी ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘हां, मैं इस साल दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाउंगी.’’ इस फैसले का कारण पूछने पर उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘यह व्यक्तिगत कारण हैं, लेकिन मैं इसके बारे में नहीं बता सकती.’’
उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘मैंने अपने पति (राबर्ट बाबी जॉर्ज ) के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया है. यह बहुत निजी फैसला है और मैं इसके बारे में नहीं बता सकती.’’ अंजू की अनुपस्थिति से हालांकि भारत की पदक की उम्मीद को जरूर झटका लगेगा, लेकिन उनका कहना है कि उन्होंने भारतीय एथलीट महासंघ को इसकी जानकारी दे दी है.
बीजिंग ओलंपिक के बाद से अंजू ने किसी भी चैम्पियनशिप में शिरकत नहीं की तो क्या वह संन्यास की योजना बना रही हैं, इस पर राजीव गांधी, अर्जुन पुरस्कार और पदम श्री हासिल कर चुकी 32 वर्षीय अंजू ने कहा, ‘‘नहीं, मैं अगले साल वापसी करूंगी. इतनी जल्दी संन्यास नहीं ले सकती. मैंने अपने कोच और पति के साथ मिलकर अगले ओलंपिक की योजना बनायी हुई है.’’ अंजू ने 2003 में पेरिस में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया था और इससे वह 6.70 मी की कूद लगाकर विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले पहली भारतीय एथलीट बनी थी.
इसके बाद उन्होंने 2005 में आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स फाइनल में रजत पदक हासिल किया था. इस महिला एथलीट ने कहा, ‘‘मैं अगले साल वापसी करूंगी. मैंने लंदन ओलंपिक को लक्ष्य बनाया हुआ है इसलिये यह संभावना नहीं हो सकती. मैंने इस फैसले के बारे में भारतीय एथलीट महासंघ को बता दिया है.’’ अंजू ने 6.83 मी की लंबी कूद से एथेंस में चौथा स्थान हासिल किया था, जो उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी था. अंजू ने 2002 मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में 6.49 मी से कांस्य पदक और इसके बाद उन्होंने बुसान एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.