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अन्ना हजारे ने खजुराहो की दीवार पर लिखी आंदोलन की तारीख!

अन्ना मजबूत लोकपाल विधेयक और किसानों की कर्ज माफी के लिए 23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. वह मौजूदा केंद्र सरकार से खुश नहीं हैं, क्योंकि उनके अनुसार यह सरकार उद्योगपतियों का तो ख्याल रख रही है, लेकिन किसान उसकी नजर में नहीं हैं.

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अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

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मध्य प्रदेश के खजुराहो की पहचान मंदिरों के चलते देश ही नहीं दुनिया भर में है, लेकिन आने वाले दिनों में खुजराहो सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन के लिए पहचाना जाएगा. अन्ना ने रविवार को अपने हाथों से अपने दिल्ली आंदोलन की तारीख यहां की दीवार पर लिख दी.

अन्ना मजबूत लोकपाल विधेयक और किसानों की कर्ज माफी के लिए 23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. वह मौजूदा केंद्र सरकार से खुश नहीं हैं, क्योंकि उनके अनुसार यह सरकार उद्योगपतियों का तो ख्याल रख रही है, लेकिन किसान उसकी नजर में नहीं हैं.

अन्ना ने कहा कि निर्धारित कानून के खिलाफ किसानों से कर्ज पर ब्याज वसूला जाता है. सरकार यह जानती है, फिर भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है. लिहाजा आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है. अन्ना ने 23 मार्च से शुरू होने वाले आंदोलन का नारा दे दिया है. उन्होंने दीवार पर '23 मार्च को चलो दिल्ली' नारा लिख भी दिया है. अन्ना हजारे ने दीवार पर नारा लिखने के बाद कहा कि यह आंदोलन किसी दल के खिलाफ और किसी के समर्थन में नहीं है, यह जनता के हित में किया जा रहा है.

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बता दें कि मध्य प्रदेश के खजुराहो में दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न संगठनों ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में हिस्सा लेने का ऐलान किया है. अन्ना किसानों की समस्याओं और लोकपाल को कमजोर किए जाने के विरोध में 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठने वाले हैं.

अन्ना का आरोप है कि चाहे मनमोहन सिंह हों या मोदी, दोनों के दिल में न देश सेवा है और न समाज हित की बात. यही कारण है कि उद्योगपतियों को तो लाभ पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, लेकिन किसान की चिंता किसी को नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने कहा कि उद्योग में जो सामान तैयार होता है, उसकी लागत मूल्य देखे बिना ही दाम की पर्ची चिपका दी जाती है. आज हाल यह है कि किसानों का जितना खर्च होता है, उतना भी दाम नहीं मिलता. वहीं किसान को दिए जाने वाले कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाता है.

अन्ना ने उद्योगपतियों का कर्ज माफ किए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि उद्योगपतियों का हजारों करोड़ रुपये कर्ज माफ कर दिया गया है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार तैयार नहीं है. किसानों का कर्ज मुश्किल से 60-70 हजार करोड़ रुपये होगा, क्या सरकार इसे माफ नहीं कर सकती?

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