समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली में बढ़े हुए बिजली-पानी बिलों के विरोध में 7 दिन से अनशन कर रहे अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. केरीवाल से मुलाकात के बाद अन्ना ने कहा कि उन्होंने अरविंद से अनशन खत्म करने की अपील की. अन्ना ने कहा कि अरविंद कमजोर हो गया है लेकिन उसे लोगों से ताकत मिल रही है.
अन्ना ने कहा कि सरकार चाहती है कि हम जैसे लोग मर जाएं ताकि लोगों को जगाने और सरकार का विरोध करने वाला कोई ना हो. लेकिन हमें मरना नहीं है बल्कि देश को जगाना है. अन्ना ने कहा कि केजरीवाल गरीबों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.
अन्ना ने कहा कि गरीब आदमी बिजली का इतना ज्यादा बिल कैसे दे पाएगा. अन्ना ने कहा कि चाहे वो बाबा रामदेव हों या फिर श्री श्री रविशंकर जरूरत पड़ी तो सब लिकर लड़ाई लड़ेंगे. अन्ना ने कहा कि केजरीवाल को अनशन खत्म कर एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार हो जाना चाहिए.
दूसरी ओर केजरीवाल के अनशन को कई जानीमानी शख्सियतों का समर्थन मिला है जिनमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जे एम लिंगदोह और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास शामिल हैं.
आप पार्टी ने लिंगदोह, रामदास, न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर, राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ पी एम भार्गव और कुछ अन्य लोगों के संयुक्त पत्र को मीडिया को जारी किया जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि केजरीवाल ने जिन गड़बड़ियों की ओर इशारा किया है उस तरफ राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए और तत्काल जरूरी कदम उठाने चाहिए.
पत्र में कहा गया है, ‘दिल्ली के नागरिक, जिनमें से अधिकतर दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं और बढ़े हुए बिल अदा नहीं कर सकते, वे अवज्ञा के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं. वे अहिंसक तरीके से ऐसा करना चाहते हैं तथा सजा एवं दंडात्मक कार्रवाई समेत कोई भी नतीजा भुगतने के लिए तैयार हैं.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे हालात में हम सविनज्ञ अवज्ञा के इस आह्वान को अपना समर्थन जताते हैं.’ इन सभी प्रतिष्ठित लोगों ने दावा किया कि केजरीवाल ने ऐसे समय में सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए आवाज उठाई है जब बिजली और पानी के भ्रष्टाचार को रोकने की गुहार का कोई असर नहीं हो रहा.
केजरीवाल ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बिजली और पानी के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली में बिजली और पानी के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के इस बयान पर कि ऐसा नहीं हो सकता कि लोग 24 घंटे बिजली का इस्तेमाल करें और केवल 8 घंटे का भुगतान करें, केजरीवाल ने प्रतिक्रया देते हुए दावा किया कि वह दस्तावेजों के जरिये साबित कर सकते हैं कि मुख्यमंत्री का बयान झूठा और भ्रामक है.