भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आगामी आम चुनावों से पहले कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के खिलाफ रविवार को अपनी ‘जनतंत्र यात्रा’ की शुरुआत की.
अपने समर्थकों के छोटे समूह के साथ 75 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने दुर्गयाना मंदिर और स्वर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की और जालियांवाला बाग में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. रविवार होने के कारण स्वर्ण मंदिर परिसर आगंतुकों से खचाखच भरा हुआ था.
जालियांवाला बाग के बाहर लोगों के समूह को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि जन आंदोलन के माध्यम से ही देश में बदलाव लाया जा सकता है. उनके साथ पूर्व सेना प्रमुख वीके. सिंह भी थे.
हजारे ने कहा कि पांच महीने के बाद दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी जनसंसद आयोजित की जाएगी जो ‘इस भ्रष्ट सरकार के भाग्य का फैसला करेगी.’
उन्होंने कहा कि ‘जनतंत्र यात्रा’ के बैनर तले 25 सूत्री एजेंडा की मांग के लिए जन रैली का आयोजन किया जा रहा है ताकि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के खिलाफ लोगों का समर्थन हासिल किया जा सके और जन लोकपाल बिल पर हुए धोखे से लोगों को अवगत कराया जा सके.
लोकपाल बिल पर प्रदर्शन विफल रहने और टीम अन्ना में बिखराव के बाद हजारे ने ‘जनतंत्र मोर्चा’ की शुरुआत की थी.
हजारे इसके बाद छह वाहनों के काफिले के साथ निकल पड़े और राया एवं ब्यास शहरों से होते हुए कपूरथला एवं जालंधर पहुंचेंगे.
‘जनतंत्र यात्रा’ के पहले चरण के दौरान पंजाब में वह आठ सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे.