गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए बयान से सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पलट गए हैं. विवाद होने के बाद अन्ना ने अपने बयान से जुड़ी उन खबरों को गलत बताया जिसमें उन्होंने मोदी के सांप्रदायिक ना होने की बात कही थी.
गौरतलब है कि गुरुवार को अन्ना हजारे कहा था, ‘मोदी के सांप्रदायिक नेता होने के संबंध में अब तक कोई सबूत मेरे सामने नहीं आया है.' इसके बाद अन्ना मोदी विरोधी खेमे के निशाने पर आ गए थे.
अपने बयान पर सफाई देते हुए शुक्रवार को अन्ना ने कहा कि मैं कैसे कह सकता हूं कि मोदी सांप्रदायिक हैं या नहीं.
साथ ही मोदी पर निशाना साधते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, 'मोदी ने आज तक गोधरा कांड की निंदा नहीं की. मेरा बयान गलत छापा गया.'
मोदी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर अन्ना ने कहा, 'क्या नरेंद्र मोदी और क्या राहुल गांधी, जब तक भारत का प्रधानमंत्री किसी पार्टी से जुड़ा होगा, तब तक देश और समाज को सही प्रधानमंत्री नहीं मिलेगा.’
उन्होंने कहा, ‘देश को सही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तब ही मिलेंगे, जब इनका चुनाव सीधे जनता करेगी.’