लोकपाल को लेकर अन्ना हजारे के आंदोलन को राजनीतिक करार देते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार ने अन्ना की अधिकांश मांगें मान ली हैं लेकिन इसके बावजूद उनका बार-बार आंदोलन की धमकी देना ही बताता है कि उनका आंदोलन गैर राजनीतिक नहीं रहा है.
अपने गृहनगर राघौगढ आये दिग्विजय सिंह ने कहा कि अन्ना का आंदोलन गैर राजनीतिक नहीं है क्योंकि सरकार ने उनकी तीन मांगे सिटीजन चार्टर लागू करने, ग्रेड तीन के कर्मचारियों को इसमें शामिल करने तथा प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त बनाये जाने की मांग मान ली है लेकिन इसके बावजूद उनका बार बार आंदोलन की धमकी देना दर्शाता है कि उनका आंदोलन गैर राजनीतिक नहीं रहा.
उन्होने कहा कि कांग्रेस भी सख्त लोकपाल के पक्ष में हें और लोकसभा एवं राज्यसभा दोनो ने ऐसा ही वायदा किया है. उन्होने कहा कि यदि सख्त लोकपाल के लिये सदन को आगे बढाना पड़े तो बढाना चाहिये. एक प्रश्न के जवाब में सिंह ने कहा कि यदि अन्ना लोकपाल पारित होने पर आभार दिवस मनाते हैं तो कांग्रेस भी उनका आभार मानेगी परंतु ऐसा लगता नहीं है कि अन्ना की तरफ से यह होगा क्योंकि अन्ना जिन लोगों से घिरे हैं वे कांग्रेस विरोधी मानसिकता के हैं और उनका राजनीतिक एजेंडा भी है.
पांच राज्यों के चुनाव में अन्ना की टीम द्वारा कांग्रेस के विरोध में चुनाव प्रचार की धमकी के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि अन्ना के विरोध के बावजूद महाराष्ट्र के नगर निकायों के परिणामों ने बता दिया है कि जनता की मानसिकता क्या है. उन्होने कहा कि महाराष्ट्र की जनता अन्ना को अच्छी तरह पहचानती है लेकिन अन्ना के गृह जिले अहमदनगर एवं पूना में कांग्रेस एवं एनसीपी ने कब्जा जमाया है जो अन्ना के प्रभाव को दर्शाता है.
कल 21 दिसंबर को अपने पुत्र जयवर्धन सिंह की ग्रामीण क्षेत्रों की छह दिवसीय पद यात्रा को हरी झंडी दिखाने यहां आये दिग्विजय सिंह ने उनके पुत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वे भी चाहते हैं कि उनका पुत्र जमीनी सच्चाई देखने के लिये अकेले पदयात्रा करे और ग्रामीण इलाकों की सच्चाई को खुद महसूस करे और देखे.
जयवर्धन सिंह के राघोगढ से चुनाव लडे जाने के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा कि यह पार्टी पर निर्भर करता है कि वह उन्हे कहां से प्रत्याशी बनाती है. मध्यप्रदेश में खाद संकट के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि उनके दस साल के कार्यकाल में कभी भी खाद की कमी नहीं रहीं क्योंकि उस समय पहले से ही इस दिशा में काम कर लिया जाता था जबकि भाजपा खाद का कारोबार करने वाले कालाबाजारियों के हितों का ध्यान रखती है और पूर्व में खाद को एकत्रित नहीं करती है.
खाद संकट हल नहीं किये जाने पर प्रदेश में कांग्रेस द्वारा आंदोलन किये जाने की चेतावनी देते हुए सिंह ने मांग की कि प्रदेश सरकार खेती के सीजन के दौरान बिजली और खाद की पर्याप्त व्यवस्था करे.समाजसेवी अन्ना हजारे की लाख धमकियों के बावजूद सरकार ने लोकपाल के नए ड्राफ्ट को बिना सीबीआई के कैबिनेट की बैठक में पास कर दिया है.
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक सरकारी लोकपाल बिल में सीबीआई को पूरी तरह लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है. सीबीआई निदेशक के चयन के लिए एक समिति बनाने का प्रावधान है. इस चयन समिति में प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्यन्यायाधीश शामिल होंगे.