कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के बारे में अपने बयान पर उनसे लिखित में माफी मांगते हुए कहा है कि उन्हें अपने बयानों को लेकर अफसोस है.
पुणे में हजारे के वकील मिलिंद पवार ने तिवारी को आठ सितंबर, 2011 को मानहानि का नोटिस भेजा था जिसके जवाब में तिवारी ने लिखित माफीनामा भेजा है. हजारे को भेजे लिखित संदेश में तिवारी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पहले ही 25 अगस्त को माफी मांग चुके हैं.
तिवारी के इस पत्र की प्रति पवार ने जारी की. इसमें तिवारी ने कहा है, ‘खासतौर पर अपनी उम्र से बड़े लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने में मेरे सामने प्रतिष्ठा या अहम की कोई बात नहीं है. मैं गंभीरता से अफसोस प्रकट करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं कानूनी जवाब नहीं देना चाहता या इस मामले को लंबा नहीं खींचना चाहता. मुझे उम्मीद है कि आप इस मामले को समाप्त मानेंगे.’
तिवारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मानहानि की कार्यवाही के लिए कानूनी नोटिस भेजने वाले वकील ने कहा कि हजारे ने मामले को बंद करने का फैसला किया है. हजारे द्वारा गत 16 अगस्त को भ्रष्टाचार विरोधी अनशन शुरू करने से पहले तिवारी ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि ‘अन्ना हजारे सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं.’