समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बठ गए हैं. वो किसानों को पेंशन समेत कुल 7 मांगों को लेकर अनशन कर रहे हैं. हालांकि, अन्ना के पिछले आंदोलन से निकले लोग आज खुद की पार्टी बना चुके हैं तो कोई किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो चुका है. इस बात से सचेत अन्ना हजारे ने इस आंदोलन की कोर कमिटी से स्टांप पेपर पर साइन करा लिया है.
अन्ना ने क्यों कराया स्टांप पर साइन?
अन्ना हजारे ने शनिवार को मंच से कहा कि आंदोलन से जुड़ने वाले लोगों के हस्ताक्षर स्टांप पेपर पर करा लिए गए हैं. जिसमें लिखा है कि, वो लोग किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे और न ही चुनाव में भाग लेंगे. देश की सेवा करेंगे और अच्छा चरित्र बनाकर रखेंगे.
Whoever joins the movement, signs affidavit which states, that they'll neither join any political party/group nor will contest elections, ensure service to country, society & maintain good character. I'll not let any political party/group to come on this stage: Anna Hazare #Delhi pic.twitter.com/zjv0BlTa01
— ANI (@ANI) March 24, 2018
अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत में ही कह दिया था कि वो आम आदमी पार्टी (आप) समेत किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े व्यक्ति को आंदोलन के मंच पर नहीं आने देंगे.
अन्ना की तबीयत ठीक नहीं
वहीं, अनशन पर बैठे अन्ना की तबीयत दूसरे दिन थोड़ी खराब हुई. इसके बाद डॉक्टर ने उनका चेकअप किया. उनका ब्लड प्रेशर थोड़ा बढ़ गया है. चेकअप के बाद अन्ना फिर से मंच पर बैठ गए.
सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं: अन्ना
अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार को संबोधित करते हुए कहा था- 'प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन आपने रद्द कर दी. आप उन्हें हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं. मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. मैंने कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए. आपकी सुरक्षा मुझे बचा नहीं सकती. सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं है.'
जानिए क्या है अन्ना हजारे की 7 मांगें
1. किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिले.
2. खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन.
3. कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले.
4. लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए.
5. लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो.
6. हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त नियुक्त किया जाए.
7. चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए.
बता दें, अन्ना हजारे लोकपाल विधेयक को पारित कराने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने 2011 में रामलीला मैदान में ही भूख हड़ताल भी की थी. इस दौरान उनके साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया जैसे साथी थे. हालांकि अभी तब इन लोगों के इस अनशन में शामिल होने की सूचना नहीं है.