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अन्ना हजारे का यू-टर्न, महाराष्ट्र के मंत्री से मिलकर ठंडे पड़े तेवर

अन्ना हजारे इससे पहले भी कई अहम मुद्दों पर आंदोलन और भूख हड़ताल कर चुके हैं. उन्होंने लोकपाल बिल को लेकर कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख चुके हैं.

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समाजसेवी अन्ना हजारे (फाइल फोटो, PTI)
समाजसेवी अन्ना हजारे (फाइल फोटो, PTI)

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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार के खिलाफ किए जाने वाली अपनी भूख हड़ताल को रद्द कर दिया है. इससे पहले अन्ना हजारे ने ऐलान किया था कि लोकपाल बिल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर भूख हड़ताल करेंगे. लेकिन मंगलवार को उन्होंने भूख हड़ताल करने से रद्द कर दिया. उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन से बात करके अपनी हड़ताल को रद्द किया है.

अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार ने लोकपाल को लागू करने की तरफ पॉजिटिव अप्रोच के साथ काम किया है, उन्होंने इसके लिए सर्च कमेटी भी बनाई है. इसके अलावा किसानों के मुद्दे पर अन्ना ने कहा कि सरकार की ओर से MSP बढ़ाकर इस तरफ कदम बढ़ा दिए गए हैं.

आपको बता दें कि अभी हाल ही में मोदी सरकार ने लोकपाल के गठन की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सर्च कमेटी का गठन किया था. यही कारण रहा कि अन्ना हजारे ने अपनी भूख हड़ताल रद्द कर दी.

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आपको बता दें कि सोमवार तक अन्ना कह रहे थे कि मोदी सरकार लोकपाल आंदोलन के कारण ही केन्द्र की सत्ता में आई. लेकिन अभी तक लोकपाल को लागू नहीं किया है.

गौरतलब है कि हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पिछले चार साल में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही और लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की.

हजारे ने लिखा था, ‘‘लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये 16 अगस्त, 2011 को समूचा देश सड़कों पर उतर आया था... आपकी सरकार इसी आंदोलन की वजह से सत्ता में आई.’’

उन्होंने कहा, ‘‘चार साल बीत गए लेकिन सरकार किसी न किसी कारण से लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति टालती रही.’’ हजारे ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर से रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

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