सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का पिछले 7 दिनों से जारी अनशन बृहस्पतिवार शाम को खत्म हो गया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दिल्ली के रामलीला मैदान पर पहुंचे और उनका अनशन खत्म कराया.
मंच पर मौजूद अन्ना के साथियों का दावा है कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली है. शाम करीब 5 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस रामलीला मैदान पर पहुंचे और उनका अनशन खत्म करवाया. फडणवीस ने अन्ना को जूस पिला कर उनका अनशन खत्म कराया. इस दौरान कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
अन्ना ने अनशन खत्म करने का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम देने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि लोकपाल की नियुक्ति पर केंद्र जल्द फैसला लेगा. उन्होंने कहा कि हम केंद्र को इन सबको पूरा करने के लिए 6 महीने का समय देंगे, वरना हम फिर से आंदोलन करेंगे.
Breaking News:
Noted social activist #AnnaHazare ends his fast in presence of Maharashtra CM @Dev_Fadnavis , Union Minister Gajendra Singh Shekhawat, Maharashtra Minister Girish Mahajan at Ramleela ground, New Delhi..@gssjodhpur pic.twitter.com/dQqXHZefAD
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) March 29, 2018
बता दें कि अन्ना हजारे 23 मार्च से अनशन पर थे और आज उनके अनशन का सातवां दिन था. उनके सहयोगी दत्ता अवारी ने बताया कि अनशन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना का वजन पांच किलोग्राम से ज्यादा घट गया और उनका रक्तचाप भी गिर गया.
अन्ना हजारे ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा, 'कई दिनों से देख रहा हूं कि कई लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं और मुझ पर झूठे आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने जीवन में बहुत आलोचना सहन की है और मुझे इससे कभी डर नहीं लगता ना ही मैं उससे दुखी होता हूं. मुझे देश हित के सिवा कुछ नहीं चाहिए, मुझे ना किसी से वोट मांगने हैं, ना कुछ और. दुख केवल इस बात का है कि मेरी आलोचना करने वाले सिर्फ झूठ बोलते हैं और उस पर बात नहीं करते जो मुद्दे मैंने आंदोलन में उठाए. फिर भी भगवान उनका भला करे.'
अन्ना हजारे की मांगें
-किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिले.
-खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपये पेंशन.
-कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले.
-लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए.
-लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो.
-हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त नियुक्त किया जाए.
-चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए.