प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि जिस सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) को उन्होंने लड़ कर बनवाया था, वह कानून आज कमजोर हो गया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला.
अन्ना ने कहा कि मौजूदा सरकार ने आरटीआई कानून को कमजोर कर दिया है. इनके दिमाग में सत्ता और पैसा का खेल चल रहा है. इसलिए उन्होंने तय किया है कि 23 मार्च को किसानों की प्रमुख मांगों को लेकर दिल्ली में करो या मरो आंदोलन करेंगे.
पटना में जेपी के निवास स्थान चरखा समिति में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि 35 सालों से आंदोलन कर रहा हूं. सूचना के अधिकार के लिए हमने 8 सालों तक लड़ाइयां लड़ी और अंत में यह कानून बना. लोगों को इससे काफी लाभ भी मिल रहा है. इससे हमें काफी खुशी मिलती है.
अन्ना ने कहा, आपको याद होगा कि दिल्ली में हम 16 दिनों तक सिर्फ पानी पर अनशन पर बैठे थे और अंत में सरकार को झूकना पड़ा. कानून तो बन गया है लेकिन यह अब ठीक से काम नहीं कर रहा है, लोगों को सूचनाएं नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा, सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग, चुनाव आयोग, नीति आयोग अन्य इस तरह के आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए.
अन्ना ने कहा, ऐसे किसान जिसके घर में आय का कोई स्रोत नहीं है, उन्हें 60 साल बाद 5000 हजार रुपये का पेंशन मिलना चाहिए. सरकार संसद में किसान बिल को पास करे क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है. इस बार आर पार की लड़ाई होगी.