गांधीवादी अन्ना हजारे ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर काली स्याही फेंकने वाले व्यक्ति से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह उसे नहीं जानते हैं.
अन्ना हजारे ने कहा, ‘मैं हंगामा करने वाले व्यक्ति को नहीं जानता हूं. जब मैंने समाचार देखा, तो उसमें वह बीजेपी का कार्यकर्ता होने का दावा कर रहा था. मैं नहीं जानता कि यह व्यक्ति कौन है.’
देर रात मिल गई जमानत
गौरतलब है कि बीजेपी का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने सोमवार को केजरीवाल तथा उनके पार्टी सहयोगियों पर काली स्याही फेंककर आप संयोजक द्वारा संबोधित की जाने वाली प्रेस कांफ्रेंस में खलल डाला. इसके बाद पुलिस ने उसे धारा 448, 504, और 34 के तहत गिरफ्तार करके संसद मार्ग थाने ले जाया गया. लेकिन जमानती धाराओं में केस दर्ज होने के चलते उसे रात करीब 1 बजे जमानत पर छोड़ दिया गया...
खुद को महाराष्ट्र के अहमदनगर की बीजेपी इकाई का महासचिव बताने वाले नचिकेता वाघरेकर का कहना था कि वह अन्ना हजारे का प्रशंसक है. उसने केजरीवाल पर अन्ना और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया.
अन्ना ने पूछे थे केजरीवाल से सवाल
दरअसल अन्ना हजारे ने आंदोलन के फंड को लेकर केजरीवाल को चिट्ठी लिखी थी. इसका जवाब देने के लिए केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. कॉन्फ्रेंस के बीच में ही नचिकेता नाम के शख्स ने केजरीवाल और उनके साथ बैठे उनके सहयोगियों मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, प्रशांत भूषण और शांति भूषण की ओर काले रंग की स्याही फेंकी. थोड़ा सी स्याही केजरीवाल के चेहरे पर गिरी और कुछ सिसोदिया, प्रशांत भूषण और संजय सिंह पर.
नचिकेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच खड़े होकर केजरीवाल से कई सवाल पूछे. उसने पूछा कि वह अपने प्रचार में अन्ना के नाम का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं जबकि अन्ना खुद को 'AAP' से अलग कर चुके हैं.
केजरीवाल ने इस घटना के बार में कहा कि दिल्ली में बीजेपी-कांग्रेस का आस्तित्व खतरे में है. वह 'AAP' की लोकप्रियता को देखते हुए हम पर हमले करवा रही है.
बताया जा रहा है कि अन्ना का नाम 'आप' अप्रत्यक्ष तौर पर ले रही है. पार्टी के नेता प्रचार के दौरान ये जनता से कह रहे हैं कि जो जन लोकपाल अन्ना की अगुवाई में बनाया गया था, वही हम लोग पास कराएंगे. ऐसे में आप के नेता अप्रत्यक्ष तौर पर कहीं ना कहीं अन्ना के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं.'
अन्ना ने लिखी थी केजरीवाल को चिट्ठी
अन्ना ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि उन्हें कुछ लोगों से ये लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि आंदोलन के पैसे का चुनाव में इस्तेमाल हो रहा है. अन्ना ने लिखा था कि राजनीति से उनका कोई लेना देना नहीं है इसलिए उनके नाम पर पैसे जमा करने की खबर से वो परेशान हैं. अन्ना ने चिट्ठी में 29 दिसंबर को जनलोकपाल बनाने के भरोसे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने पूछा है कि विधानसभा चुनाव जीतकर ये दावा कैसे पूरा हो सकता है. इसके अलावा उन्होंने पूछा है कि रामलीला और जंतर मंतर पर जमा हुए पैसों के बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं है. इसलिए केजरीवाल इसकी सही जानकारी मुहैया कराएं.
अरविंद केजरीवाल ने जवाब में अन्ना को लिखी चिट्ठी में कहा है कि संतोष हेगड़े या किसी रिटायर्ड जज से इन आरोपों की इसकी जांच कराई जा सकती है. केजरीवाल ने लिखा कि अगर पैसे के गलत इस्तेमाल की शिकायत सही निकली तो वह विधानसभा से अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे. जनलोकपाल कानून पर केजरीवाल ने जवाब दिया है कि उन्होंने दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में आने वाला कानून बनाने का वादा किया है.
केजरीवाल की अन्ना को लिखी चिट्ठी
'मैं नहीं चाहता सुरक्षा'
इस घटना के बाद जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या वह इस हमले के बाद सुरक्षा लेना चाहते हैं? तो उन्होंने जवाब दिया कि नहीं मैं सुरक्षा लेना नहीं चाहता. मेरी सुरक्षा तो ऊपर वाला करेगा.'
चुनाव से कुछ ही दिन पहले इस तरह की चिट्ठी का आना बेहद अहम माना जा रहा है. 'आप' नेता मनीष सिसोदिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमारे किसी भी पोस्टर पर अन्ना की तस्वीर नहीं है.
'नचिकेता ना तो बीजेपी में और ना ही अन्ना का कार्यकर्ता'
सुषमा स्वराज ने कहा है हंगामा करने वाला शख्स बीजेपी कार्यकर्ता नहीं है. अगर वह बीजेपी कार्यकर्ता होता तो तो अटल जिंदाबाद के नारे लगाता. वहीं अन्ना के करीबियों की तरफ से भी बयान जारी हुआ है कि नचिकेता उनका कार्यकर्ता नहीं है.