अजमल कसाब की फांसी पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि इससे न्याय व्यवस्था पर विश्वास तो बढ़ा है लेकिन सरकार ने फांसी देने में देर की.
उन्होंने कहा, ‘अजमल कसाब को फांसी दिया गया एक बात स्पष्ट हो गई की इससे न्याय व्यवस्था पर विश्वास बढ़ गया है. लेकिन इसमें बहुत देर हुई. इतनी देर नहीं होनी थी.’
उन्होंने कहा, ‘न्याय व्यवस्था पर विश्वास तो था लेकिन सारी बातें होते हुए भी इतना समय लग गया इसके पीछे क्या कारण था.’
अन्ना के अंदर के क्रांतिकारी ने हालांकि कसाब को चौराहे पर फांसी दिए जाने की वकालत की. उन्होंने कहा, ‘कानून और संविधान के कारण ये नहीं कर सकते हैं लेकिन, मेरा ये सुझाव था कि कसाब को चौराहे पर फांसी देनी चाहिए थी.’
उन्होंने कहा, ‘ये हमारे देश में आकर लोगों पर गोलियां चलाते हैं. हमारी राष्ट्रीय सम्पति को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे लोगों को चौराहे पर फांसी दिया तो कई लोगों को डर पैदा होगा और वो ऐसा कृत्य नहीं करेंगे.’
अन्ना ने कहा, ‘सरकार ने देर से ही सही लेकिन कसाब को फांसी तो दे दिया इसके लिए मैं खुशी प्रकट करता हूं.’
गौरतलब है कि मुंबई हमले के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब को बुधवार सुबह 7.36 मिनट पर पुणे की येरवडा जेल में फांसी दे दी गई.