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जमीन के बाद पानी में भी चीन की घुसपैठ

जमीन के साथ ही पानी में भी चीन के हद लांघने का सिलसिला जारी है. लद्दाख क्षेत्र में बीते दिनों सामने आए ताजा मामले में चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित पेंगांग त्सो झील में भी भारतीय सीमा में अतिक्रमण किया.

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अभ्यास के दौरान चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक
अभ्यास के दौरान चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक

जमीन के साथ ही पानी में भी चीन के हद लांघने का सिलसिला जारी है. लद्दाख क्षेत्र में बीते दिनों सामने आए ताजा मामले में चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित पेंगांग त्सो झील में भी भारतीय सीमा में अतिक्रमण किया.

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सूत्रों के मुताबिक 16 अगस्त को चीनी सैनिक दोनों देशों के बीच बंटी पेंगोंग त्सो झील में भारतीय इलाके में देखे गए. भारतीय गश्ती दल के विरोध जताने के बाद चीनी सैनिक वापस तो लौटे, मगर जाने से पहले चीनी सेना की गश्ती नौका ने भारतीय नौका को टक्कर मारी.

भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में हुई बॉर्डर पर्सनल बैठक में दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने और निर्धारित प्रक्रिया के तहत सभी मामलों को सुलझाने का संकल्प जताया. यह बात और है कि पेंगांग त्सो झील में चीनी सेना की घुसपैठ का वाकया इसके बाद सामने आया.

बीते साल पेंगांग त्सो झील में चीनी दंबगई के चलते भारत ने भी अपनी गश्ती नौकाओं और निगरानी बलों की संख्या बढ़ाई थी. हालांकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बुर्त्से क्षेत्र में चीनी सैनिकों के 25 किमी भीतर तक आने की घटना को सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने नकार दिया था.

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बीते साल अक्टूबर में दोनों देशों के बीच हुए सीमा रक्षा सहयोग समझौते के बावजूद चीनी सैनिकों के भारतीय हद में आने के सिलसिले में कोई कमी नहीं हुई है.

अतिक्रमण पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'हमारी सेना के जवानों ने जरूरी कार्रवाई की है. अब तक हमने उन्हें अपनी एक इंच जमीन में भी अतिक्रमण नहीं करने दिया है. अगर कभी-कभार घुसपैठ का मामला सामने आता है तो सेना द्वारा उठाए गए कदम हमारे देश के हित में होते हैं.'

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