उत्तर भारत में 7 तारीख को एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस दस्तक देने जा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि ये वेस्टर्न डिस्टर्बेंस थोड़ा कमजोर रहेगा लिहाजा जम्मू-कश्मीर समेत तमाम पहाड़ी इलाकों में इसका असर कम समय के लिए और कम जगहों पर देखा जाएगा. इसके चलते मौसम एक बार फिर से करवट ले सकता है. जानकारों के मुताबिक 7 तारीख को आने जा रहा वेदर सिस्टम अप्रैल के महीने का तीसरा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस होगा.
7 तारीख को आने जा रहा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भले ही पहाड़ी इलाकों में ज्यादा असर न दिखाए लेकिन इसकी वजह से राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनेगा जो उत्तर भारत के तमाम मैदानी इलाकों में गरज के साथ बारिश की संभावना को बढ़ा देगा. मौसम विभाग के मुताबिक इस वजह से दिल्ली एनसीआर समेत पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में 7 और 8 तारीख को बादलों की आवाजाही के बीच बिजली की गड़गड़ाहट के साथ बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है. लेकिन मौसम की ये गतिविधि कुछ इलाकों में ही देखी जाएगी.
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की एक्टिविटी बढ़े हुए स्तर पर है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है मॉर्च में अमूमन 4 या 5 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आत हैं लेकिन इस बार 9 डब्ल्यूडी आए. डब्ल्यूडी की बढ़ी हुई एक्टिविटी के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं की वजह से बादलों ने बीते दतिनों में झमाझम बारिश दी है.
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले हफ्ते में कई जगहों पर बारिश का सिलसिला बना रहेगा लेकिन वैसी बबारिश नहीं होगी जैसी पिछले पखवाड़े में देखी गई है. इसी के साथ उत्तर भारत में अब तापमान में इजाफे का सिलसिला भी शूरू हो जाएगा.