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गौरी लंकेश की हत्या के बाद उठी मांग- पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून

अंशु छत्रपति ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि गौरी लंकेश की हत्या की खबर सुनकर उन्हें वह तारीख याद आ गई जब उनके पिता की बड़ी बेरहमी से गोलियों से हत्या कर दी गई थी और जिसके बाद पूरा शहर उनके साथ खड़ा हो गया था.

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अंशुल छत्रपति
अंशुल छत्रपति

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बेंगलुरू में मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद सिर्फ पत्रकार ही नहीं बल्कि सिविल सोसायटी में भी गुस्सा है. देश के अलग-अलग शहरों में बुद्धिजीवी वर्ग एक पत्रकार की हत्या के खिलाफ आवाज उठा कर कड़ी निंदा कर रहा है.

सिरसा में बाबा राम रहीम के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने गौरी लंकेश की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है. गौरतलब है कि अंशुल छत्रपति के पिता रामचंद्र छत्रपति की दिनदहाड़े सिरसा में हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप बाबा राम रहीम के करीबी समर्थकों पर लगा है और जिसका मामला अदालत में चल रहा है.

अंशुल छत्रपति ने गौरी लंकेश की हत्या को निंदनीय करार देते हुए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की. छत्रपति ने यह भी कहा कि कोई भी ताकत सच की आवाज को दबा नहीं सकता.

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अंशु छत्रपति ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि गौरी लंकेश की हत्या की खबर सुनकर उन्हें वह तारीख याद आ गई जब उनके पिता की बड़ी बेरहमी से गोलियों से हत्या कर दी गई थी और जिसके बाद पूरा शहर उनके साथ खड़ा हो गया था.

अंशुल ने कहा कि गौरी लंकेश सच के साथ अपना कर्तव्य निभा रही थीं जो किसी भी पत्रकार का धर्म है. ऐसे में वह लोग जो उनकी आवाज दबाना चाहते थे उन्होंने गौरी की हत्या कर दी.

 

 

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