अंधविश्वास विरोधी अभियानों में लगे डॉक्टर और समाजसेवी डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के एक दिन बाद ही महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को काला जादू और अंधविश्वास विरोधी विधेयक को पारित कर दिया. यह विधेयक डॉ. दाभोलकर के बनाए ड्राफ्ट पर ही आधारित है.वह इस विधेयक के लिए पिछले 10 साल से अभियान चला रहे थे.
गौरतलब है कि डॉ. दाभोलकर की मंगलवार को पुणे में सुबह टहलते वक्त दो युवकों ने हत्या कर दी थी. उसके बाद हत्यारे मोटर साइकल से फरार हो गए थे. इस हत्या से गुस्साए राजनैतिक दलों ने आज पुणे बंद का आह्लावन किया था.हत्या के विरोध में आज कई छात्रों और नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किए और जुलूस निकाला. डॉ. दाभोलकर सतारा में रहते थे और हफ्ते में कुछ दिन अंधविश्वास विरोधी संगठन के काम के लिए पुणे में बिताते थे. मंगलवार को भी वह संगठन के काम से ही पुणे में थे.
हिंदू संगठन ने किया किनारा
उधर डॉ. दाभोलकर की हत्या के बाद निशाने पर आए हिंदू संगठन सनातन संस्था ने उनकी हत्या पर शोक जताया है. गौरतलब है कि इस संस्था के लोगों की डॉ. दाभोलकर के कामों और दावों को लेकर कई बार झड़प हो चुकी थी. मगर अब संस्था के प्रवक्ता अभय ने एक संदेश में कहा कि हम डॉ. दाभोलकर की हत्या से सदमे में हैं. हमारा इस साजिश से कोई लेना देना नहीं है.