इन याचिकाओं के जरिए सीएए के अधीनस्थ कानूनों जैसे पासपोर्ट अधिनियम और अन्य नियमों पर स्टे लगाने की मांग की गई है. हालांकि, चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने स्टे से इनकार करते हुए बाकी मामलों की तरह इन याचिकाओं पर भी पांचवें हफ्ते में सुनवाई की तारीख तय की है.
केंद्र को 4 हफ्ते का समय
इससे पहले पिछले हफ्ते बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके बाद यानी पांचवें हफ्ते में मामले की सुनवाई होगी. इस दौरान तय किया जाएगा कि मामला संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं.
कोर्ट ने सीएए के क्रियान्वयन के खिलाफ किसी भी तरह के आदेश को पारित करने से फिलहाल इंकार कर दिया था.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि सीएए से जुड़े मामले में अब किसी भी हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी . इसकी मांग केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल तुषार मेहता ने की थी.
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कोर्ट में 144 याचिकाएं
इससे पहले सीएए को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए 144 याचिकाएं दाखिल की गई थी. जिसमें से 141 याचिकाएं इस कानून के खिलाफ दायर हुई जबकि एक याचिका समर्थन में और एक केंद्र सरकार की याचिका थी.
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में लंबित सीएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.