स्पेस में बड़ी सफलता हासिल करने के साथ ही देश में राजनीतिक जंग भी शुरू हो गई है. केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) जहां इसका श्रेय लेने में जुटी है तो वहीं विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. बीजेपी ने बुधवार शाम को एक ट्वीट कर मोदी सरकार की तारीफ की और पूर्व की यूपीए सरकार पर हमला बोला.
मोदी सरकार की सफलता करार देते हुए बीजेपी ने बताया कि मोदी की सरकार में कितनी स्ट्राइक हुई. बीजेपी ने मोदी सरकार और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तुलना की. पार्टी ने ट्वीट किया सर्जिकल स्ट्राइक- गो फॉर ईट, एयर स्ट्राइक- गो फॉर ईट, ए-सैट मिसाइल- गो फॉर ईट. मोदी है तो मुमकिन है.
वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए को लेकर बीजेपी ने लिखा सर्जिकल स्ट्राइक- डोन्ट डू ईट, एयर स्ट्राइक- डोन्ट डू ईट और ए-सैट मिसाइल- डोन्ट डू ईट. बीजेपी के ट्वीट से साफ है वो यूपीए सरकार के दौरान राजनीतिक इच्छाशक्ति को लेकर हमला बोली है.
Congress led UPA
Surgical Strike : Don't do it
Air Strike: Don't do it
A-SAT Missile: Don't do it
Modi Sarkar
Surgical Strike: Go For It
Air Strike: Go For It
A-SAT Missile: Go For It
Modi Hai To Mumkin Hai. #MissionShakti
— BJP (@BJP4India) March 27, 2019
बता दें कि भारत ने बुधवार को स्पेस में बड़ी सफलता हासिल करते हुए दूसरे सेटेलाइट को मार गिराया. इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में किया. ए-सैट ने 300 किलोमीटर दूर अपना निशाना बनाया. इसी के साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया जिनके पास ऐसी क्षमता है. अमेरिका, रूस और चीन के साथ भारत भी इस कड़ी में शामिल हो गया.
बीजेपी जहां इसका राजनीतिक लाभ लेने में जुट गई है तो वहीं विपक्ष हमलावर हो गया है. विपक्ष ने पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश पर ऐतराज जताते हुए चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर पीएम को इसकी घोषणा करने की इजाजत क्यों दी गई?
बता दें कि बीजेपी अक्सर मनमोहन सरकार पर राजनीति इच्छाशक्ति की कमी को लेकर निशाना साधती रहती है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने भी बुधवार को कहा कि भारत के पास एक दशक से भी पहले भी ऐंटी सैटलाइट मिसाइल क्षमता थी. लेकिन उस समय राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसे सफलतापूर्वक अंजाम नहीं दिया जा सका.
नायर ने कहा कि जिस समय चीन ने 2007 में यह परीक्षण किया और अपने मौसम उपग्रह को मार गिराया, उस समय भी भारत के पासे ऐसा ही मिशन पूरा करने की तकनीक थी.