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मुंबईः फेसबुक मामले में 9 शिवसैनिक गिरफ्तार

ठाणे जिले की एक क्लिनिक में कथित रूप से तोड़फोड़ करने के आरोप में शिव सेना नौ संदिग्ध कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इस क्लिनिक के मालिक की भतीजी ने फेसबुक पर ठाकरे के दाह संस्कार के दिन मुंबई को बंद रखने के संबंध में सवाल किया था.

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शिवसेना
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ठाणे जिले की एक क्लिनिक में कथित रूप से तोड़फोड़ करने के आरोप में शिव सेना नौ संदिग्ध कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इस क्लिनिक के मालिक की भतीजी ने फेसबुक पर ठाकरे के दाह संस्कार के दिन मुंबई को बंद रखने के संबंध में सवाल किया था.

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पुलिस ने बताया कि मुंबई बंद के विरोध में फेसबुक पर प्रतिक्रिया लिखने पर शाहीन धादा और रेणु नामक दो युवतियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया गया.

ठाणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र सेनगावकर ने कहा, ‘अभी तक हमने अब्दुल धादा की क्लिनिक में अस्पताल में तोड़-फोड करने के संबंध में नौ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और हमें कुछ और लोगों की तलाश है.’

लड़कियों ने बताया कि फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया पर उन्होंने माफी मांग ली है. शाहीन ने बताया कि ठाकरे एक ‘महान व्यक्ति’ थे और वह वास्तव में उनका सम्मान करती हैं.

86 वर्षीय ठाकरे के दाह संस्कार के दिन रविवार को मुंबई बंद के विरोध में युवतियों ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर रविवार अपनी प्रतिक्रिया लिखी थी. शाहीन ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ विनम्रता का व्यवहार किया और उन्होंने किसी भी पुलिसवाले के खिलाफ शिकायत नहीं की है.

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शाहीन ने कहा, ‘मैंने अपने पोस्ट के लिये माफी मांग ली है.’ उसने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना कि मैंने कुछ गलत किया था. फेसबुक पर अपनी टिप्पणी में शाहीन ने कथित तौर पर कहा था कि ठाकरे के दाह संस्कार पर बंद नहीं किया जाना चाहिए था. हमें भगत सिंह और सुखदेव को याद करना चाहिये. शाहीन की टिप्पणी को पंसद करने वाली रेणु ने कहा कि उसे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था.

इन दोनों के वकील सुधीर गुप्ता ने बताया कि एक स्थानीय शिव सेना नेता की शिकायत के बाद उनके मुवक्किलों को धारा 505(2) (समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या नफरत फैलाने अथवा बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया गया था.

फेसबुक पर टिप्पणी के बाद करीब 40 शिवसैनिक कथित रूप से पालघर स्थित अब्दुल धादा की क्लिनिक पहुंचे और तोड़फोड़ की. पुलिस सूत्रों ने बताया कि करीब 50 व्यक्तियों से अधिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिनमें कुछ शिवसैनिक भी शामिल हैं.

महाराष्ट्र पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) देवेन भारती ने बताया कि पूरे मामले की जांच के आदेश भी दिये गये हैं.

लड़कियों की गिरफ्तारी के बाद इसकी व्यापक निंदा की गयी. प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के प्रमुख मार्कण्डेय काट्जू ने इस मामले में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर ‘तुरंत’ कार्रवाई करने की मांग की. काट्जू ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को ईमेल भेजकर इस मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं करने पर ‘कानूनी परिणाम’ भुगतने की चेतावनी दी.

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कांग्रेस ने कहा है कि लड़कियों के खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया जाना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस मामले पर उचित कदम उठाने की उम्मीद जतायी.

दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था.

रेणु ने कहा, ‘जब मैंने इसके बारे में सोचा कि मैंने ऐसा क्या किया, जो मुझे नहीं करना चाहिए था, तब मुझे बहुत धक्का पहुंचा. यह कोई अपराध नहीं था.’ शाहीन ने भी कहा कि उनकी गिरफ्तार ‘बेवजह’ थी.

केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री मिलिंद देवड़ा ने कहा, ‘लड़कियों की गिरफ्तारी के मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.’

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