मंगलवार को पुंछ में भारतीय सेना पर हमला करके पाकिस्तान ने जो कायराना हरकत की, उस पर भारत में दिनभर बवाल मचा रहा. रक्षा मंत्री ए के एंटनी को संसद में बयान देना पड़ा. हालांकि उनके बयान पर भी जमकर बवाल हुआ. उन्होंने अपने बयान में सीधे-सीधे पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाने की बजाय कहा था कि हमले में शामिल लोग पाकिस्तानी सेना की यूनिफॉर्म में थे.
सूत्रों से जो जानकारी हमें मिली है, वह कई सवाल खड़े करती है. जानकारी के अनुसार, सेना के डीजी (मिलिट्री ऑपरेशंस) लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने रक्षा मंत्री एंटनी को घटना का विस्तार से ब्यौरा दिया था. ए के एंटनी को खास तौर पर बताया गया था कि यह हमला बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) द्वारा किया गया था, जिसमें पाकिस्तानी फौजी और हथियारबंद आतंकवादी शामिल थे.
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इस ब्यौरे के बाद भी जब ए के एंटनी ने संसद में भाषण दिया तो उन्होंने हमलावरों का जिक्र 'पाकिस्तानी सेना की यूनिफॉर्म में लोग' के रूप में किया. संसद में बीजेपी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमने खुद पाकिस्तान को बच निकलने का रास्ता दे दिया है.
लेकिन, रक्षा मंत्री द्वारा इस तरह से बदलकर बयान देना, वो भी सेना के अफसर की ब्रीफिंग के बाद, कितना सही है, इस पर सवाल उठने लगे हैं-
- पहला सवाल तो यह है कि क्या वाकई ए के एंटनी ने अपनी स्पीच को सेंसर किया. उन्हें इसकी क्या जरूरत थी?
- यदि उन्होंने अपने भाषण में बदलाव किया तो क्यों. इसके पीछे क्या कारण थे?
- सेना की ब्रीफिंग को दरकिनार क्यों कर दिया गया?
- पाकिस्तान और पाकिस्तान की सेना के लिए क्या हमारे रक्षा मंत्री नर्म रवैया अपनाते हैं?