कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राफेल सौदे को लेकर किए गए हमले पर पलटवार किया और दावा किया कि सरकार ने इस लड़ाकू विमान की खरीद की प्रक्रिया पर गौर करने के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट की उपेक्षा की जिस पर मोदी को जवाब देना चाहिए.
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने अमित शाह पर बालाकोट मे वायुसेना की कार्रवाही का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इससे बचना चाहिए.
पीएम मोदी फैला रहे हैं गलत जानकारी
एंटनी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं अपने सुरक्षा बलों की वीरता और बलिदान को नमन करता हूँ और हम सभी देशवासियों को अपने सशस्त्र बलों का समर्थन करना चाहिए. उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री घूम रहे हैं और गलत जानकारियां फैला रहे हैं. पीएम ने आरोप लगाया कि कमीशन के लिए राफेल सौदे में देरी की गई है.
पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि उनके इस आरोप मे कोई सच्चाई नहीं है. कैग रिपोर्ट से साफ है कि पूर्व की राजग सरकार ने 4 साल बर्बाद किए. लेकिन जब सप्रंग सरकार आई तब हमने प्रक्रिया शुरू की.
उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट से उपेक्षा क्यों हुई
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रक्रिया के दौरान भाजपा के नेता यशंवत सिन्हा और सुब्रमण्यम स्वामी ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद एक समिति का गठन हुआ. इस समिती की रिपोर्ट को नरेंद्र मोदी सरकार ने नजरअंदाज किया. उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि इस सरकार में न तो समिति की रिपोर्ट पर न तो रक्षा मंत्रालय की चर्चा हुई और न ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में इस पर विचार हुआ. प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार ने समिति की रिपोर्ट की उपेक्षा क्यों की?
सुरक्षा बलों पर न करें राजनीति
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल सौदे मे जो करार फ्रांस के साथ किया हैं उसमें देश के राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता किया है. उन्होंने अमित शाह के बयान का हवाला देता हुए कहा कि कांग्रेस के शासन के समय में सेना अभियान के बारे में रक्षा मंत्री जवाब देते थे. अब भाजपा अध्यक्ष जानकारी देते हैं. वे अब मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में बता रहें हैं. एके एंटनी ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से आग्रह किया है कि सेना पर राजनीति न करें.