बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडित के मसले पर नसीरुद्दीन शाह के उठाए सवालों पर पलटवार किया है. खेर ने शनिवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ अन्याय हुआ है और अन्याय के खिलाफ बोलने का हमारा अधिकार है. उन्होंने कहा कि खुद के कश्मीरी पंडित होने के बारे में हमें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है.
जो कश्मीर में नहीं रहा, अचानक विस्थापित हो गया
इसके पहले अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए दिल्ली में नसीरुद्दीन शाह ने उन पर निशाना हुए कहा था कि वह व्यक्ति जो कभी कश्मीर में नहीं रहा, उसने कश्मीरी पंडितों के लिए लड़ाई शुरू की है. अचानक से वह एक विस्थापित व्यक्ति बन गए.
क्या गैर सिख 1984 दंगा पर बात नहीं कर सकते
अनुपम खेर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि देश के किसी भी इलाके में जाना और वहां की बातें करन हर नागरिक का मौलिक अधिकार है. क्या एनआरआई देश के बारे में बातें नहीं कर सकते. उन्होंने पूछा कि क्या गैर सिख 1984 के दंगों के बारे में बात नहीं कर सकते? खेर ने कहा कि नसीर साहब को सवाल उठाने के बजाय कश्मीरी पंडितों के हक के बारे में बोलना चाहिए था.
बयान से नसीरुद्दीन शाह का इनकार
हालांकि अनुपम खेर ने नसीरुद्दीन शाह से संपर्क किए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि मैंने नसीर साहब से कॉन्टैक्ट किया और उन्होंने ऐसे किसी भी बयान देने से इनकार किया है. वहीं नसीरुद्दीन शाह ने विवाद बढ़ने पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था, कह दिया. मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
I contacted Naseeruddin Shah,he has denied making such statements: Anupam Kher to ANI
— ANI (@ANI_news) May 28, 2016
I have not said any such thing, this is all misreporting :Naseeruddin Shah on his statement on Anupam Kher pic.twitter.com/8mNABd6cHc
— ANI (@ANI_news) May 28, 2016
सरकार के बारे में जल्दबाजी में कोई राय न बनाएं
नसीरुद्दीन शाह ने इसके पहले मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि नागरिकों को सरकार के बारे में जल्दबाजी में कोई धारणा नहीं बनानी चाहिए. वहीं सिलेबस की कुछ किताबें बदले जाने के बारे में उन्होंने चिंता जताई. उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक व्यक्ति को दूसरे के देशप्रेम पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है.