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PAK कलाकारों पर बरसे अनुपम, कहा- आगे बढ़कर आतंकवाद की निंदा करते

खेर ने 'आज तक' से खास बातचीत में कहा कि ये सच है कि कला और कलाकारों के लिए देशों की सरहदें कोई मायने नहीं रखती.

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अनुपम खेर
अनुपम खेर

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कभी पठानकोट तो कभी उरी आखिर कब तक बाहें फैलाएं गुलदस्ते लिए हम उनका स्वागत करें आखिर कब तक. उरी में पाक समर्थित आतंकवादी हमले के बाद देशभर में गुस्सा है. गुस्से की आवाज बने हैं अभिनेता अनुपम खेर. खेर कहते हैं कि देश सोने की चिड़िया रहा है, तभी तो पाकिस्तान के एक्टर, आर्टिस्ट या टेररिस्ट सभी यहीं परफॉर्म करना चाहते हैं. देश का गुस्सा जायज है. ऐसे में पाकिस्तान को सीधा संदेश है कि अपनी हरकतों से बाज आओ.

खेर ने 'आज तक' से खास बातचीत में कहा कि ये सच है कि कला और कलाकारों के लिए देशों की सरहदें कोई मायने नहीं रखती. लेकिन आतंकवाद ने देश की शांतिप्रिय अवाम को सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्योंकि इतने आतंकवादी हमलों के बावजूद एक भी पाकिस्तानी कलाकार ने आगे बढ़कर आतंकवाद की निंदा नहीं की. जब पेशावर के स्कूल में आतंकवादी हमला हुआ और नौनिहालों का खून बहाया गया तो मुझे किसी ने नहीं बोला था, मैंने खुद उन आतंकवादियों के नाम खुला खत लिखा. क्या पाकिस्तानी कलाकारों में इतनी भी इंसानियत नहीं बची कि इन हमलों की सख्त लहजे में निंदा करें.

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'हर रिश्ते पर लगे पाबंदी'
उन्होंने कहा कि ऐसे में नदी जल बंटवारा हो या पाकिस्तानी कलाकारों के भारत आने पर रोक लगाने का मामला या फिर हमारी फिल्में वहां रिलीज करने का. सब पर सख्त पाबंदी होनी चाहिए. पाकिस्तान से हमारी फिल्मों को फायदा होने से ज्यादा पायरेसी से नुकसान होता है. ऐसा नहीं है कि ये पाबंदियां हमेशा के लिए हों, पाकिस्तान सुधर जाए तो रिश्ते सामान्य होने में कितनी देर लगती है. लेकिन संदेश जाना चाहिए.

'भारत सरकार ने कसा सही शिकंजा'
अनुपम खेर ने कहा कि उरी हमला निर्णायक होना चाहिए. अभी तो पूरी विश्व बिरादरी भारत के साथ है. दुनियाभर ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले की निंदा की है. पाकिस्तान अलग-थलग पड़ रहा है. भारत सरकार ने भी सही शिकंजा कसा है. कूटनीतिक उपाय और ग्राउंड के उपाय यानी सिंधु जल बंटवारे की समीक्षा, बलूचिस्तान पर हमारा रुख और मोस्ट फेवरेट नेशन यानी एमएफएन अन्य संधियों की समीक्षा जैसे कदम बेहद जरूरी हैं.

हुक्मरान फैला रहे आतंक: खेर
एक्टर ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है. लेकिन हमारी भलमनसाहत और रिश्ते बनाए रखने के नेक इरादों को हमारी कमजोरी ना समझा जाए. पाकिस्तान के हुक्मरानों ने यही भूल की है, यही वजह है कि हिंदुस्तान में गुस्सा है. खेर ने कहा कि दुनियाभर में कई देशों में गया हूं. टैक्सी ड्राइवर अगर पाकिस्तानी है तो अकसर वो पैसे नहीं लेते. खूब हंसी मजाक की बातें करते हैं. अवाम का रिश्ता अवाम से बेहद आम है. लेकिन ये जो हुक्मरान हैं, जो नफरतें और आतंकवाद फैलाने में लगे हैं.

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