देश के सर्वोच्य न्यायालय ने हिदायत दी है कि चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान कोई उम्मीदवार अगर गंभीर अपराध संबंधी जानकारी नहीं देता है तो, उसके पक्ष में आए नतीजे अमान्य घोषित कर दिए जाने चाहिए. अदालत ने कहा कि उम्मीदवार का चरित्र जानना मतदाताओं का अधिकार है.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति पी.सी.पंत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि उम्मीदवार को अपने मामलों की जानकारी होती है और अगर वह किसी तरह का फायदा पाने के लिए इसका खुलासा नहीं करता है तो निर्वाचन आयोग को चुनाव परिणाम रद्द कर देना चाहिए.
इनपुट- IANS