दिल्ली की 20 विधानसभाओं में लटकती उपचुनाव की तलवार ने राजनीति में जमकर उथल-पुथल मचा रखी है. MCD चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले अरविंदर सिंह लवली ने जब महज़ एक साल के भीतर कांग्रेस में घर वापसी की तो आम आदमी पार्टी ने भी तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ा है.
आम आदमी पार्टी से खुश पब्लिककांग्रेस छोड़कर फिलहाल आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा में सांसद सुशील गुप्ता ने खुद पूरे मामले को 20 विधानसभाओं के उपचुनाव से जोड़ दिया है. 'आजतक' से खास बातचीत करते हुए गुप्ता ने कहा कि अरविंदर सिंह लवली सत्ता के लिए यहां से वहां गए लेकिन जब सत्ता नहीं मिली तो लौट आए. कांग्रेस के लिए दिल्ली अभी सत्ता से दूर है. आज भी चुनाव हो जाए तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी ही जीतेगी. कांग्रेस कितनी भी तैयारी कर ले आम आदमी पार्टी को 20 में से 20 सीट मिलेंगी. किसी के आने या जाने से गणित नहीं बिगड़ता है. गणित पब्लिक से बिगड़ता है और पब्लिक फिलहाल आम आदमी पार्टी से खुश है.
बता दें कि अरविंदर सिंह लवली दिल्ली की गांधीनगर विधानसभा सीट से विधायक थे. इस सीट से आम आदमी पार्टी के अनिल बाजपेयी 2015 में चुने गए थे. अनिल बाजपेयी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में अयोग्य ठहराए गए हैं और गांधीनगर विधानसभा में उपचुनाव की तलवार लटक रही है. 'आप' के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले पर हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही है. हाइकोर्ट के एक आदेश के बाद फिलहाल उपचुनाव पर रोक लगी हुई है. हालांकि दिल्ली के तमाम राजनीतिक दल 20 सीटों पर चुनाव की तैयारी करते साफ नज़र आ सकते हैं.
'दलबदलू का स्थान दिल्ली की राजनीति में नही'
अरविंदर सिंह लवली की कांग्रेस में वापसी पर 'आजतक' से बातचीत करते हुए आम आदमी पार्टी के गांधीनगर से पूर्व विधायक अनिल बाजपेयी ने कहा कि दलबदलू का स्थान दिल्ली की राजनीति में नहीं है. आम आदमी पार्टी को छोड़कर एक विधायक बीजेपी में शामिल हुए था और बवाना में उसका क्या हाल हुआ ये सबके सामने है. अरविंदर सिंह लवली अवसरवादी लोग हैं. वो कांग्रेस के सगे नहीं हुए, फिर अपने आप को बचाने के लिए वो बीजेपी में शामिल हो गए. अब दोबारा कांग्रेस में आ गए, इससे आम आदमी पार्टी को कोई नुकसान नही है.
अजय माकन और शीला दीक्षित पर तंज
अनिल बाजपेयी ने शीला दीक्षित और अजय माकन पर भी तंज कसा है. बाजपेयी ने कहा कि शीला दीक्षित आम आदमी पार्टी के लिए कोई खतरा नहीं है. आम आदमी पार्टी ने गांधीनगर विधानसभा में काम किया है और इस वजह से पार्टी का परंपरागत वोट बैंक बना है. अनिल बाजपेयी का दावा है कि शीला दीक्षित और अजय माकन के बीच अंदरूनी झगड़ा और मनमुटाव है. इसका फायदा आम आदमी पार्टी को होगा.