भ्रष्टाचार के खिलाफ और लोकपाल की नियुक्ति को लेकर देशभर में अलख जगाने वाले प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी वीजा के मुद्दे पर सांसदों के विरोध को गलत बताया है.
भ्रष्टाचार के विरोध और लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर अपनी जनतंत्र यात्रा पर बदायूं पहुंचे अन्ना ने संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी के अमेरिका जाने का और वीजा का विरोध करना सही नहीं है, क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों ही गणतंत्र राष्ट्र है, जहां किसी को कहीं भी आने जाने की पूरी आजादी होती है.’
जब अन्ना से पूछा गया कि आपके पुराने साथी एक-एक कर आपका साथ क्यों छोड़ रहे हैं, तो अन्ना ने कहा, ‘हां यह सच है कि कुछ लोग हमसे दूर हुए हैं. लेकिन हमें भरपूर जन समर्थन प्राप्त है और अब तो पहले से भी ज्यादा लोग हमारे साथ जुड़ गये हैं.’
कभी उनके सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल की ‘आम आदमी पार्टी’ के उम्मीदवारों को चुनाव में समर्थन देने की संभावना के सवाल पर, उन्होंने कहा, ‘भारतीय संविधान किसी अकेले व्यक्ति को ही चुनाव लड़ने की इजाजत देता है. किसी पक्ष अथवा पार्टी को नहीं. इसलिए एक अच्छा व्यक्ति होने के बावजूद मैं अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का समर्थन नहीं कर सकता, क्योंकि मैं संविधान को मानने वाला व्यक्ति हूं.
अन्ना ने कहा कि वह और उनके समर्थक लोकसभा चुनाव में किसी दल अथवा उसके उम्मीदवार को समर्थन देने की बजाय स्वच्छ और ईमानदार निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. इससे पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह सरकार लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है और भ्रष्टाचार मुक्त देश के निर्माण के प्रति कोई ईमानदार नहीं है.
यह दोहराते हुए कि वह दिसंबर महीने में लोकपाल कानून बनाये जाने की मांग को लेकर फिर रामलीला मैदान पर अनशन करेंगे, अन्ना ने युवाओं से अपील की कि वे सत्य के रास्ते पर चलकर समाज में बदलाव लाने का व्रत लें और चुनाव में ईमानदार तथा चरित्रवान लोगों को ही विधानसभाओं और संसद में भेजें.
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी लाइन पर चुनाव लड़ना और लड़वाना संविधान के विरुद्ध है. वे चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया रोकने के लिए बाध्य करेंगे. इसके लिए आंदोलन करेंगे और जरूरी हुआ तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.